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Civil Services Chronicle
हिंदी माध्यम में कैसे हों सफ़ल? भाग-3


उत्कृष्ट निबंध कैसे लिखें

आगामी मुख्य परीक्षा को ध्यान में रखते हुए हम इस अंक में प्राथमिकता के अनुरूप निबंध विषय के उत्तर लेखन के संबंध में विशेषज्ञ सलाह प्रस्तुत कर रहे हैं। सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्र 1, 2 एवं 3 की तैयारी के लिए आवश्यक रणनीति की चर्चा पत्रिका के आगामी अंकों में प्रकाशित होने वाले विशेषज्ञ सलाह में की जाएगी।

संपादकीय मंडल

निबंध लेखन की वह महत्वपूर्ण विधा है जिसके द्वारा किसी भी विषय में लेखक के सामान्य ज्ञान, तार्किक विश्लेषण की योग्यता, सूक्ष्म निरीक्षण कला, जागरूकता, भाषा एवं अभिव्यक्ति की क्षमता के साथ-साथ उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जा सकता है। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में निबंध एक महत्वपूर्ण प्रश्न-पत्र के रूप में शामिल है। चूंकि निबंध में रटने की कला का कभी भी मूल्यांकन नहीं होता तथा मौलिकता पर ही अच्छे नंबर निर्भर करते हैं, अतः अभ्यर्थी को मौलिक एवं सटीक निबंध लिखने का अभ्यास करना चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में निबंध का प्रश्न-पत्र 250 अंकों का होता है। इस प्रश्न-पत्र में अभ्यर्थी को 50-60 से लेकर 160-170 अंक तक आते हैं, अतएव अभ्यर्थी के अंतिम चयन में निबंध में प्राप्त अंकों का निर्धारक योगदान माना जा सकता है।

निबंध क्या है?

वस्तुतः निबंध साहित्य का वह स्वरूप है, जिसमें किसी विषय का विचारपूर्ण एवं रोचक पद्धति से सुसम्बद्ध एवं तर्कपूर्ण प्रतिपादन किया जाता है। निबंध जहां मन के भावों की स्वच्छंद उड़ान है, वहीं यह किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखन की गद्यात्मक अभिव्यक्ति भी है। चूंकि निबंध प्रायः अवधारणात्मक होते हैं, अतः उसमें बुद्धि की विश्लेषण क्षमता, समीक्षा शक्ति एवं अभिव्यक्ति सामर्थ्य की आवश्यकता होती है। उत्कृष्ट एवं प्रभावशाली निबंध की निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं-

  1. निबंध का एक निश्चित लक्ष्य होना चाहिए। साथ ही एक विचार एवं एक दृष्टिकोण के आलोक में लिखा जाना चाहिए।
  2. निबंध की आत्म-अभिव्यक्ति ही निबंध की प्रमुख विशेषता है। इस तरह निबंध पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए।
  3. निबंध में विचारों को निश्चित श्रेणी में रखा जाना चाहिए अर्थात् एकसूत्रता एवं क्रमबद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही इस क्रमबद्धता का अंत निष्कर्ष के साथ होना चाहिए।
  4. निबंध में लिखी गई बातों को साफ तौर पर लिखा जाना चाहिए अर्थात दृष्टिकोण स्पष्ट हो। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि निबंध के प्रत्येक विचार चिंतन हर एक भाव एवं आवेग की अभिव्यक्ति करते हों।
  5. निबंध में विचारों से यह स्पष्ट झलकना चाहिए कि उसमें मौलिकता है तथा उसमें आप के अनुभव शामिल हैं। किसी के विचारों या आदर्शों का अंधानुकरण निबंध में प्रभावहीनता भी पैदा कर सकता है।

निबंध के विषय

निबंध के अनेक विषय हो सकते हैं, यथा-राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, भावात्मक, काल्पनिक, वैज्ञानिक आदि। किन्तु प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की मुख्य परीक्षा में पूछे जा रहे ज्यादातर निबंध निम्नलिखित चार श्रेणियों के होते हैंः

  1. वर्णनात्मक निबंधः इस श्रेणी के अंतर्गत पूछे गए निबंध का संबंध विचारों, भावों तथा लेखक की प्रतिक्रियाओं से होता है तथा वह अपनी अनुभूति के आधार पर निबंध लिखता है।
  2. कथनात्मक निबंधः इस तरह का निबंध किसी घटना या घटनाओं कीशृंखला का कथनात्मक प्रस्तुतीकरण होता है। इसमें किसी घटना विशेष को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करते हुए अंत में अपना निष्कर्ष देने की अपेक्षा की जाती है।
  3. विवेचनात्मक या उद्घाटनात्मक निबंधः इस प्रकार के निबंधों की प्रमुख विशेषता यह होती है कि किसी विषय के संदर्भ में एक पूर्ण कथन द्वारा इसके समस्त पहलुओं का वर्णन करना होता है।
  4. तार्किक निबंधः इस प्रकार के निबंध का संबंध लोगों को तर्क से प्रभावित करने की योग्यता से जुड़ा होता है। इसलिए लेखक की सोच में गंभीरता तथा तर्क देने की मजबूत शैली ही इस प्रकार के निबंधों में चार चांद लगाती है। इस प्रकार के निबंध को लिखने में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

निबंध कैसे लिखें?

किसी विषय पर विस्तार से सोचना और उसे विशेष रूप देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। दिमाग के सोचने की गति तेज है लेकिन लिखने की गति धीमी। दिमाग को एक विषय के इर्द-गिर्द बांधे रखना और सिलसिलेवार सोचने के लिए केंद्रित करना कठिन काम है। इसी अनुशासित किस्म के बंधे हुए रचना कर्म को निबंध कहा जाता है। इसके लिए मूलतः दिमाग के ऐसे प्रशिक्षण की जरूरत होती है कि वह एक मुद्दे पर टिककर विचार करे और उसे सिलसिलेवार अभिव्यक्त करे।

1.निबंध की सामग्रीः निबंध में क्या-क्या होना चाहिए, निबंध में किस-किस सामग्री का समावेश होना चाहिए यह तो निबंध का विषय ही तय करता है, किंतु फिर भी लगभग सभी तरह के निबंधों में कुछ खास सामग्री अवश्य होती है, जिसमें प्रमुख हैं- तथ्य, तर्क, कल्पना और अभिव्यक्ति कौशल। इन पर संक्षेप में विचार आवश्यक है।

क) तथ्यः हर निबंध में उस विषय से संबंधित कुछ तथ्य, सूचनाएं, आंकड़े आदि होने चाहिए। आर्थिक-वाणिज्यिक, वैज्ञानिक विषयों से संबंधित निबंधों में तो आंकड़ों की विशेष आवश्यकता होती है। ये तथ्य प्रामाणिक और यथासंभव अद्यतन होने चाहिए और हो सके तो उन स्रोतों का उल्लेख भी होना चाहिए जहां से ये तथ्य प्राप्त हुए हैं। तथ्यों के संबंध में मनगढ़ंत कल्पना की उड़ान से बचना चाहिए। किंतु यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अधिक तथ्यों को भरने से मौलिक विचार दब जाते हैं तथा भाषा-शैली सपाट हो जाती है।

ख) विचारः निबंध में विचार की अभिव्यक्ति का विशेष महत्व है। विचारशील निबंधों में तो विचार ही मेरुदंड हैं। विचार न केवल सटीक और प्रासंगिक होने चाहिए, बल्कि वे एक के बाद दूसरे को पुष्ट करने वाले भी होने चाहिए। निबंध में मुख्यतः विचारशीलता की ही परीक्षा होती है। इसलिए निबंध में जो भी सामग्री प्रस्तुत की जाए वह वैचारिक दृष्टि से बहुत ही उत्कृष्ट होनी चाहिए। निबंध की समाप्ति एक वैचारिक परिणति के साथ होनी चाहिए। तथ्यों का प्रस्तुतीकरण एवं विशेष रूप से उनका विश्लेषण वैचारिकता पर आधारित होना चाहिए।

ग) कल्पनाः तथ्य एवं तर्क से किसी निबंध की नींव भरी जा सकती है, किन्तु उसकी सजावट विचारों की मौलिकता द्वारा होती है जो लेखक की कल्पना के द्वारा ही संभव है। एक भवन में जो महत्व सजावट का है, वही निबंध में कल्पना का है। बहुत से निबंध तो कल्पना केन्द्रित ही होते हैं।

  • कल्पनाशीलता को न तो पुस्तकों से प्राप्त किया जा सकता है और न इसे तुरंत विकसित ही किया जा सकता है, किन्तु नए ढंग से सोचते रहने से तथा जो जैसा है उससे भिन्न वह कैसा हो सकता है, अर्थात विकल्पों पर सोचते रहने से कल्पनाशीलता विकसित होती है। कल्पना यद्यपि विचारों की मौलिक उड़ान होती है, किन्तु उसकी डोर तथ्यों और तर्कों के हाथ में होती है। निराधार कल्पना का कोई महत्व नहीं है।
  • कल्पना के अपने वैकल्पिक तथ्य एवं तर्क होने चाहिए ताकि वे वास्तविक तथ्यों एवं तर्कों से सामंजस्य बिठाए रखे। किसी भी समस्या के समाधान जुटाने या निबंध में एक नई किस्म की दुनिया रचने में वह निरर्थक न लगे।

घ) अभिव्यक्ति कौशलः तथ्य, विचार और कल्पना को भाषा के माध्यम से व्यक्त करना होता है। यह भी कह सकते हैं कि भाषा के जरिए ही किसी व्यक्ति के तथ्य, विचार और कल्पना से परिचित हुआ जा सकता है। अतः निबंध में भाषा अपने-आप में एक सामग्री है। भाषा में निबंधकार का व्यक्तित्व सन्निहित होता है। अतः निबंध लेखन में भाषा का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

  • भाषा मूल रूप से एक व्यवहार है, वह व्यक्ति की चेतना में निरंतर विकसित होती है। उसको तथ्यों की तरह कुछ समय में ही विकसित नहीं किया जा सकता है। अतः व्यावहारिक होने के नाते भाषा का विकास उसके निरंतर प्रयोग करते रहने से ही होता है।

निबंध में अच्छे अंक कैसे?

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में निबंध एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल है। इस पत्र में अच्छे अंक प्राप्त कर आसानी से प्रतियोगी अंतिम चयन में उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है, इस पत्र में अभ्यर्थियों को 50-60 से लेकर 160-170 तक अंक प्राप्त होते हैं। जाहिर है ऐसे में जरा सी चूक न सिर्फ आपको 115-120 अंकों से वंचित कर देगी, बल्कि अंतिम चयन पर भी प्रश्न चिह्न लगा देगी। न्यूनतम एवं अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतियोगियों के लेखन में जो अंतर होता है, अगर आपने इस अंतर की पहचान कर ली तो यकीन मानिए आप इस प्रश्न-पत्र में काफी अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

आईएएस मुख्य परीक्षा में उम्मीदवारों को तीन घंटे की समय सीमा में किसी एक निर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होता है। विषयों के संबंध में विकल्प दिया जाता है। उम्मीदवारों से यह अपेक्षा की जाती है कि वो अपने विचारों को क्रमबद्ध करते हुए निबंध के विषय से निकटता बनाए रखें और अपनी बात संक्षेप में लिखें। प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्ति को विशेष वरीयता दी जाती है।

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निबंध प्रश्न-पत्र में उम्मीदवार की विषय वस्तु पर पकड़, चुने हुई विषय वस्तु के साथ उसकी प्रासंगिकता, रचनात्मक तरीके से सोचने की उसकी योग्यता और विचारों को संक्षेप में युक्तिसंगत एवं प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने की क्षमता की जांच की जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए निबंध में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए निम्न बातों पर अमल करना चाहिए।

  • विषय का चयनः सर्वप्रथम निबंध में विषय चयन पर पर्याप्त ध्यान देना चाहिए। इस संबंध में पहली सावधानी यही होनी चाहिए कि प्रश्न-पत्र में दिए हुए विषयों में जो भी विषय आपको पहली नजर में प्रिय लगे तथा जिस पर आप ठीक ढंग से अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हों, उसी विषय का चयन करें। उस विषय को चुनें, जिसके बारे में पर्याप्त तथ्य एवं तर्क हों और सबसे बड़ी बात जिसमें अपनी भाषायी सामर्थ्य दिखाने का पर्याप्त अवसर हो।
  • विषय के प्रारूप पर विचारः विषय चुनने के बाद उसकी भूमिका से उपसंहार तक के प्रारूप पर विचार करें। विचार करने में जल्दी न करें, पर्याप्त समय दें। विचार करते समय बिंदुओं को लिखते चलें। फिर उन बिन्दुओं के क्रम को अच्छी तरह देख लें। यह कार्य रफ में करें। इसके लिए पर्याप्त समय लेकर चलें; प्रक्रिया का यह चरण बहुत आवश्यक है।
  • निबंध लेखनः इसके बाद बिंदुवार निबंध लेखन आरम्भ करें। न तो शुरू में आधार बिन्दु लिखें और न ही बिन्दुओं के शीर्षक दें। हां, महत्वपूर्ण तथ्यों एवं विचारों वाले शब्दों तथा वाक्यों को रेखांकित (Underline) किया जा सकता है। अंत में लिखे हुए निबंध को गौर से पढ़ें तथा वर्तनी, शब्दों, तथ्यों, तर्कों, क्रमिकता आदि की दृष्टि से जहां जरूरी हो, संशोधन करें।
  • निबंध वही लिखें जिस पर आपकी पकड़ सबसे अच्छी हो। कई प्रतियोगी उस विषय पर निबंध लिखने का प्रयत्न करते हैं, जिस पर प्रायः कोई नहीं लिखता। यह एकदम गलत दृष्टिकोण है। हमेशा ध्यान रखें कि आपको अंक उत्तर पर मिलते हैं, प्रश्न पर नहीं।
  • कुछ विषयों पर विविध स्रोतों से सामग्री एकत्र करें, पढ़ें और उसका विश्लेषण करें।
  • विषय से न भटकें। अगर भूलवश भटकाव हो भी जाए तो उस गिलहरी की भांति वापस लौट जाएं, जो पेड़ के निचले हिस्से से चढ़कर पेड़ की पत्ती-पत्ती तक घूमकर पुनः वापस आ जाती है।
  • निबंध में प्रभावोत्पादक शुरुआत व सारगर्भित निष्कर्ष आधारस्तंभ की भूमिका निभाते हैं। अतः इसका विशेष ध्यान रखें।
  • निबंध सरल, स्पष्ट, विशिष्ट तथा सुंदर शैली में होना चाहिए। विचारों को यथासंभव मौलिक तथा ‘टू द पॉइंट’ रखें।

ऐसा विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि उपर्युक्त बिंदुओं को ध्यान में रखकर प्रतियोगी, निबंध में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

विशेषज्ञ सलाह

धर्मेंद्र सर

निर्देशकः पतंजलि आईएएस

अक्षय कुमार जायसवाल

Editorial Team

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