नैनोकम्पोजिट का विकास

हाल ही में ‘सेंटर ऑफ इनोवेटिव एंड एप्लाइड बायोप्रोसेसिंग’ (Centre of Innovative and Applied Bioprocessing), मोहाली की एक शोध टीम ने कृषि कचरे से ‘एल/सीडीएस क्यूडी’ (क्वांटम डॉट्स) नामक कैडमियम सल्फाइड के लिग्निन और नैनोकणों का उपयोग करके एक नैनोकम्पोजिट (Nanocomposite) विकसित किया है।

  • लिग्निन एक लकड़ी का बायोपॉलिमर (Biopolymer) है, जो पौधों को यांत्रिक समर्थन देता है और पानी एवं पोषक तत्वों के परिवहन में मदद करता है।
  • लिग्निन को फसल कटाई के बाद पराली के रूप में छोड़ दिया जाता है या तो जला दिया जाता है या मवेशियों के चारे के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • लिग्निन रोगाणुरोधी गुणों (antimicrobial properties) के अलावा कार्बन, पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) में भी समृद्ध होते है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी