जाइलिटोल

  • हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने गन्ने के गन्ने की पेराई के बाद बचे अवशेषों से ‘जाइलिटोल’ का उत्पादन करने के लिए नई विधि विकसित की है।
  • जाइलिटोल प्राकृतिक उत्पादों से प्राप्त एक चीनी अल्कोहल है, जिसमे संभावित एंटीडायबिटिक और एंटी-ओबेसोजेनिक प्रभाव है। यह एक हल्का प्रीबायोटिक भी है जो दांतों को क्षय से बचाता है।
  • किण्वन प्रक्रिया के दौरान अल्ट्रासाउंड के उपयोग ने न केवल किण्वन के समय को 15 घंटे तक कम कर दिया, बल्कि उत्पाद की उपज में भी वृद्धि की।
  • किण्वन के दौरान केवल 1.5 घंटे के अल्ट्रासोनिकेशन का उपयोग किया गया, जिसका अर्थ है कि इस प्रक्रिया में अधिक अल्ट्रासाउंड शक्ति की खपत नहीं हुई थी।
  • इस प्रकार, अल्ट्रासोनिक किण्वन का उपयोग करके गन्ना खोई से जाइलिटोल उत्पादन भारत में गन्ना उद्योगों के आगे एकीकरण के लिए एक संभावित अवसर प्रदान करेगा।
  • जाइलिटोल औद्योगिक रूप से एक रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा निर्मित होता है, जिसमें लकड़ी से व्युत्पन्न डी-जाइलोज, महंगा रसायन, उच्च तापमान और दबाव पर निकल उत्प्रेरक (nickel catalyst) के साथ व्यवहार किया जाता है, जो प्रक्रिया को अत्यधिक ऊर्जा की खपत बनाता है।
  • जाइलोज का केवल 8.15% जाइलिटोल में परिवर्तित होता है और इस विधि के लिए व्यापक पृथक्करण और शुद्धिकरण चरणों की आवश्यकता होती है।

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