भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस

21 अगस्त, 2022 केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने पुणे में केपीआईटी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (KPIT-CSIR) द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Hydrogen fuel cell) बस का शुभारंभ किया।

हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी

  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी में, विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया की जाती है।
  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल उन बैटरियों को संदर्भित करता है जो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, जिन्हें स्टोर करने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इस ईंधन सेल प्रौद्योगिकी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह केवल पानी का उत्सर्जन करती है।
  • इस प्रकार अन्य वायु प्रदूषकों के साथ हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करती है।
  • यह तकनीक 65.75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करती है।

GK फ़ैक्ट

  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद 1942 में स्थापित भारत में सबसे बड़ा अनुसंधान और विकास संगठन है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रलय द्वारा वित्त पोषित है।
  • यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के माध्यम से एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करता है।

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