अंटार्कटिक समुद्री जीव संपदा संरक्षण आयोग

भारत ने 29 सितंबर, 2021 को मंत्री स्तरीय शिखर बैठक में अंटार्कटिक पर्यावरण संरक्षण और पूर्वी अंटार्कटिक तथा वेड्डेल सागर को समुद्री संरक्षित क्षेत्र (Marine Protected Area: MPA) के अंतर्गत लाने के यूरोपीय संघ के प्रस्ताव के सह-प्रायोजनके लिए अपना समर्थन जताया।

महत्वपूर्ण तथ्यः चोरी-छिपे और अवैध तरीके से मछली पकड़ने की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए प्रस्तावित दोनों समुद्री संरक्षित क्षेत्र आवश्यक हैं।

  • भारत ने ‘अंटार्कटिक समुद्री जीव संपदा संरक्षण आयोग’ (Commission for the Conservation of Antarctic Marine Living Resources: CCAMLR) के सदस्य देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत भविष्य में इन समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के नियमों के निर्धारण, इनको अपनाने के तौर तरीकों और कार्यान्वयन तंत्र से जुड़ा रहे।
  • विशिष्ट संरक्षण, प्राकृतिक आवास संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी, या मत्स्य प्रबंधन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समुद्री संरक्षित क्षेत्र के दायरे में कुछ गतिविधियां सीमित या प्रतिबंधित हैं।
  • CCAMLR संपूर्ण अंटार्कटिक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की प्रजातियों की विविधता और स्थिरता को बनाए रखने के लिए ‘अंटार्कटिक मत्स्य पालन प्रबंधन’ की एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
  • CCAMLR संधि अप्रैल 1982 में लागू हुई। भारत CCAMLR का 1986 से स्थायी सदस्य रहा है।

जीके फ़ैक्ट

  • भारत में CCAMLR से संबंधित कार्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय के संबद्ध कार्यालय ‘सेंटर फॉर मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजीकोच्चि, केरल’ के माध्यम से समन्वित किए जाते हैं।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी