‘बहुभाषी मनोभ्रंश अनुसंधान और मूल्यांकन’ टूलबॉक्स

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 6 अक्टूबर, 2021 को ‘बहुभाषी मनोभ्रंश अनुसंधान और मूल्यांकन’ (Multilingual Dementia Research and Assessment: MUDRA) टूलबॉक्स लॉन्च किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः इन्हें पांच भारतीय भाषाओं - हिंदी, बंगाली, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में जारी किया है।

  • टूलबॉक्स में संज्ञान (cognition) के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- ध्यान, स्मृति, भाषा और नेत्र संबंधी कार्यों का आकलन करने के लिए विभिन्न संज्ञानात्मक परीक्षण शामिल हैं।
  • यह एक अनूठा उपकरण है, जिसमें विभिन्न परीक्षण और प्रश्नावली शामिल हैं और यह उन कारकों के प्रति संवेदनशील है, जो शिक्षा, भाषा और संस्कृति सहित संज्ञानात्मक परीक्षणों पर प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।
  • MUDRA टूलबॉक्स भारत के ‘मनोभ्रंश और हल्के संज्ञानात्मक हानि अनुसंधान’ और ‘नैदानिक प्रथाओं’ को बदलने के लिए ICMR न्यूरो-कॉग्निटिव टूल बॉक्स (ICMR-NCTB) कंसोर्टियम द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
  • यह भारत के सात प्रमुख केंद्रों- निमहंस (बेंगलुरु), एम्स (नई दिल्ली), एससीटीआईएमएसटी (तिरुवनंतपुरम), निम्स (हैदराबाद), अपोलो अस्पताल (कोलकाता), मणिपाल अस्पताल (बेंगलुरू) और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज द्वारा एक सामूहिक प्रयास है।

जीके फ़ैक्ट

  • मनोभ्रंश (Dementia) एक सिंड्रोम है, जिसमें संज्ञानात्मक कार्य में गिरावट होती है। अल्जाइमर रोग ‘मनोभ्रंश’ का सबसे आम प्रकार है।

इन्हें भी जानें

ब्रिजमेनाइट

हाल ही में कुछ शोधकर्त्ताओं ने नागपुर के कटोल से प्राप्त एक उल्कापिंड का अध्ययन किया है। 22 मई, 2012 को कटोल शहर के पास एक बड़ी उल्का बौछार हुई थी।

  • प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला था कि मेजबान चट्टान मुख्य रूप से एक ऑलिव ग्रीन खनिज ‘ऑलिवाइन’ (Olivine) से बना था। हमारी पृथ्वी के ऊपरी मेंटल में ऑलिवाइन सबसे प्रचुर मात्र में पाया जाता है। अब, इन उल्कापिंडों के टुकड़ों की संरचना का अध्ययन करके, शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के निचले मेंटल में लगभग 660 किमी. गहराई में इस प्रकार के खनिज के मौजूद होने की सम्भावना व्यक्त की है। अक्टूबर 2021 में प्रकाशित शोध पत्र PNAS में पहली बार ‘ब्रिजमेनाइट’ (bridgmanite) नामक खनिज की पहली प्राकृतिक घटना को रिपोर्ट किया गया है। खनिज का नाम 2014 में प्रोफेसर पर्सी डब्ल्यू ब्रिजमैन के नाम पर रखा गया था, जिन्हें भौतिकी में 1946 का नोबेल पुरस्कार मिला था। विभिन्न कम्प्यूटेशनल और प्रायोगिक अध्ययनों से पता चला है कि पृथ्वी के निचले हिस्से का लगभग 80% हिस्सा ब्रिजमेनाइट से बना है। इस उल्कापिंड के नमूने का अध्ययन करके, वैज्ञानिक यह समझ सकते हैं कि हमारी पृथ्वी के निर्माण के अंतिम चरणों के दौरान ब्रिजमैनाइट कैसे क्रिस्टलीकृत हुआ।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी