आईवीएफ़ तकनीक से बन्नी नस्ल की भैंस के बछड़े का जन्म

23 अक्टूबर, 2021 को कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ (in vitro fertilçation: IVF) तकनीक से भारत में पहली बार ‘बन्नी’ (Banni) नस्ल की भैंस ने बछड़े को जन्म दिया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः यह पहला आईवीएफ बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छः बार आईवीएफ गर्भाधान के बाद पैदा हुआ। यह प्रक्रिया सुशीला एग्रो फार्म्स के किसान विनय एल- वाला के घर जाकर पूरी की गई। यह फार्म गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज गांव में स्थित है।

  • भारत की सामान्य नस्लों जैसे ‘मुर्रा’ या ‘जाफराबादी’ के विपरीत, ‘बन्नी’ नस्ल को जलवायु के प्रति लचीला माना जाता है। ऐसी भैंस पानी की कमी सहित कठोर जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकती हैं।
  • इस तकनीक की सफलता से पानी की कमी वाले क्षेत्र में पशुधन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र की अपनी यात्र के दौरान बन्नी नस्ल की भैंस के बारे में चर्चा की थी।

जीके फ़ैक्ट

  • ‘बन्नी’ भैंस को ‘कच्छी’ (Kutchi) या ‘कुंडी’ (Kundi) के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से कच्छ (गुजरात) में पाई जाती है। यह आमतौर पर स्थानीय समुदाय ‘मालधारी’ द्वारा संरक्षित एक दुर्लभ नस्ल है।

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