आईएस4ओएम
11 जुलाई, 2022 को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बेंगलुरू में ‘इसरो नियंत्रण केंद्र पर सुरक्षित और सतत संचालन के लिए इसरो की प्रणाली’ (IS4OM) का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्यः आईएस4ओएम की सुविधा से भारत को उपयोगकर्ताओं के रूप में अंतरिक्ष के बारे में एक समग्र और समयबद्ध जानकारी उपलब्ध कराने के अपने अंतरिक्ष स्थितिजन्य सतर्कता (Space Situational Vigilance) लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता मिलेगी।
- इसके माध्यम से अंतरिक्ष की कक्षा में टकराव, विखंडन, अंतरिक्ष मलवे के वायुमंडल में फिर से प्रवेश के खतरे, अंतरिक्ष आधारित सामरिक जानकारी, खतरनाक एस्टेरॉइड्स और अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान पर त्वरित, सटीक एवं उपयुक्त जानकारी मिलेगी।
- आईएस4ओएम सुविधा भारतीय अंतरिक्ष संपदाओं की सुरक्षा, टकराव से बचने के कौशल के जरिये अंतरिक्ष की वस्तुओं के टकराने के खतरों को कम करने, सामरिक उद्देश्यों के लिए जरूरी सूचना और अंतरिक्ष के मलबे में अनुसंधान गतिविधियां एवं अंतरिक्ष स्थितिजन्य सतर्कता से जुड़े सभी नियमित अभियानों में समर्थन दे सकती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 सुपरनोवा विस्फ़ोट
- 3 तीव्र रेडियो प्रस्फ़ोट
- 4 5जी नेटवर्क का पायलट परीक्षण
- 5 ‘निर्माण’ त्वरक कार्यक्रम
- 6 3डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन
- 7 निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन
- 8 एथेलिया रॉल्फ्रिस
- 9 लैब मॉडड्ढूल ‘वेन्तियान’ का प्रक्षेपण
- 10 भारत में पहला मंकीपॉक्स वायरस मामला
- 11 सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड
- 12 नैनो-सामग्री
- 13 विकिरण सुविधा केन्द्र
- 14 क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन
- 15 चीन की उन्नत सौर वेधशाला
- 16 संवर्धित वास्तविकता स्क्रीन
- 17 हाई-स्पीड एक्सपैंडेबल एरियल टारगेट- ‘अभ्यास’
- 18 पिवट तकनीक
- 19 वायरस को निष्क्रिय करने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र
- 20 आर्यभट-1
- 21 प्रोजेक्ट सूर्य
- 22 इम्वेनेक्स वैक्सीन
- 23 ऑटोनोमस नेविगेशन सिस्टम-तिहान
- 24 ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर