निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन

हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय ने अपने स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology) के माध्यम से समुद्र के पानी को पीने योग्य पानी में बदलने के लिए निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन (Low Temperature Thermal Desalination) तकनीक विकसित की है, जिसे लक्षद्वीप द्वीपों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन प्रौद्योगिकी पर आधारित 3 विलवणीकरण संयंत्रों को केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के कवरत्ती, अगती और मिनिकॉय द्वीप समूह में विकसित और प्रदर्शित किया गया है।

  • इन निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन संयंत्रों में से प्रत्येक की क्षमता प्रति दिन 1 लाख लीटर पीने योग्य पानी है।
  • विलवणीकरण संयंत्र की लागत इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, संयंत्र का स्थान जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। एलटीटीडी तकनीक निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन तकनीक एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें प्राकृतिक तरीके से समुद्र के पानी को गर्म कर खारेपन को अलग किया जाता है, जो खारे पानी से खनिज घटकों को बाहर कर देती है। जिस कारण खारा पानी पीने योग्य बनता है।

राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान

  • राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय तहत एक स्वायत्त संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1993 में हुई थी। इसका प्रबंधन एक शासी परिषद द्वारा किया जाता है और निदेशक संस्थान का प्रमुख होता है।
  • इसका उद्देश्य भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) में गैर-जीवित और जीवित संसाधनों की हार्वेस्टिंग से जुड़ी विभिन्न इंजीनियरिंग समस्याओं को हल करने के लिए विश्वसनीय स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का विकास करना। राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान का मुख्यालय तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित है।

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