ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर
1 जुलाई, 2022 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) की पहली उड़ान का कर्नाटक के चित्रदुर्ग में विद्यमान वैमानिकी परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्यः यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के मामले में एक प्रमुख उपलब्धि है और यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इस मानव रहित वायुयान को बेंगलुरू के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो डीआरडीओ की एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है।
- यह मानव रहित वायुयान एक छोटे टर्बोफैन (Turbofan) इंजन द्वारा संचालित होता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 सुपरनोवा विस्फ़ोट
- 3 तीव्र रेडियो प्रस्फ़ोट
- 4 5जी नेटवर्क का पायलट परीक्षण
- 5 ‘निर्माण’ त्वरक कार्यक्रम
- 6 3डी-प्रिंटेड रॉकेट इंजन
- 7 निम्न तापमान थर्मल डिसेलिनेशन
- 8 एथेलिया रॉल्फ्रिस
- 9 लैब मॉडड्ढूल ‘वेन्तियान’ का प्रक्षेपण
- 10 भारत में पहला मंकीपॉक्स वायरस मामला
- 11 सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड
- 12 नैनो-सामग्री
- 13 विकिरण सुविधा केन्द्र
- 14 क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन
- 15 चीन की उन्नत सौर वेधशाला
- 16 संवर्धित वास्तविकता स्क्रीन
- 17 हाई-स्पीड एक्सपैंडेबल एरियल टारगेट- ‘अभ्यास’
- 18 पिवट तकनीक
- 19 वायरस को निष्क्रिय करने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र
- 20 आईएस4ओएम
- 21 आर्यभट-1
- 22 प्रोजेक्ट सूर्य
- 23 इम्वेनेक्स वैक्सीन
- 24 ऑटोनोमस नेविगेशन सिस्टम-तिहान