भारत में गरीबों की संख्या में आई बड़ी गिरावट
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल की तरफ से जारी नए बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) जारी किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- इस सूचकांक के अनुसार वर्ष 2005-06 से लेकर 2019-21 के दौरान भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकलने में सफल रहे।
- रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में भारत की जनसंख्या के आंकड़ों के हिसाब से 22.89 करोड़ गरीबों की संख्या दुनिया भर में सर्वाधिक है।
- भारत के बाद 9.67 करोड़ गरीबों के साथ नाइजीरिया इस सूची में दूसरे स्थान पर है।
- एमपीआई रिपोर्ट में इस कामयाबी को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक गरीबों की संख्या को आधा करने के सतत विकास लक्ष्यों को बड़े पैमाने पर हासिल कर पाना संभव है।
आर्थिक परिदृश्य
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 वनलाइनर समसामयिकी
- 3 ओएनडीसी की उपभोक्ताओं के साथ बीटा टेस्टिंग आरम्भ
- 4 सरकार की डिजिटल कॉमर्स में 5.6% हिस्सेदारी
- 5 पुरानी पेंशन योजना बहाल
- 6 एस्सार समूह-आर्सेलर मित्तल निप्पॉन समझौता
- 7 सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर ‘कॉन्सेप्ट नोट’
- 8 IDBI बैंक के निजीकरण हेतु बोलियां आमंत्रित
- 9 इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ
- 10 सहकारी बैंक, पुणे पर 4 लाख रुपये का अर्थ दंड
- 11 आंतरिक लोकपाल नियुक्ति
- 12 तीन कंपनियों की संपत्ति नीलाम
- 13 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां
- 14 इंप्रफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक 7वीं वार्षिक बैठक
- 15 रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता में भारत चौथे स्थान पर
- 16 बचत योजनाओं पर ब्याज दर में वृद्धि
- 17 पीएमआई इंडेक्स
- 18 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र
- 19 खुदरा मुद्रास्फ़ीति 5 महीने में 7.4 प्रतिशत पर पहुंची
- 20 त्रैमासिक औद्योगिक सर्वेक्षण के 100वें दौर की शुरुआत
- 21 भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत
- 22 भारत, विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक तथा उपभोक्ता
- 23 ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया का लाइसेंस रद्द
- 24 रबी फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य: 2023-24