महात्मा गांधी की संघर्ष-विराम-संघर्ष की रणनीति तत्कालीन बिहार की परिस्थिति के अनुकूल थी, स्पष्ट करें।

उत्तर: गांधीजी यथार्थवादी थे, वे जानते थे कि स्वराज प्राप्ति के लिए एक दीर्घकालीन आंदोलन एवं जनता की व्यापक भागीदारी आवश्यक है। इसलिए उन्होंने संघर्ष-विराम-संघर्ष की रणनीति अपनाई।

संघर्ष-विराम-संघर्ष की रणनीति क्या थी?

  • गांधी जी की इस रणनीति के तहत जब भी जनता की ऊर्जा अपने चरम पर होती थी, तब वे आंदोलन शुरू कर देते थे तथा जब ऊर्जा निम्न स्तर पर होती थी, तो वे आंदोलन को वापस ले लेते थे।
  • गांधी जी का ऐसा मानना था कि ऊर्जा के निम्न होने के कारण जनता या तो दबाव में आकर स्वयं को आंदोलन से अलग कर लेगी ....
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