यूपीपीसीएस प्रा. विशेष भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन बिंदुवार तथ्यावलोकन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में आधुनिक भारत के इतिहास से पूछे जाने वाले प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन यह दर्शाता है कि इस खंड में अधिकांश प्रश्न राष्ट्रीय आंदोलन से पूछे जाते हैं। इस संदर्भ में हमारे द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन के आरंभ से स्वतंत्रता प्राप्ति तक की समस्त घटनाओं को कालक्रमानुसार व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया गया है। भारत में ब्रिटिश विरोध की आरंभिक परंपरा विभिन्न कृषक व जनजातीय विद्रोहों में ही परिलक्षित होती है। साथ ही विभिन्न संगठनों व संस्थाओं की स्थापना ने भी अपने-अपने तरीकों से विरोध का स्वर ऊंचा किया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में कारीगर उद्योगों का उदय और पतन
- 2 ब्रिटिश शासन का भारत की कृषि और किसानों पर प्रभाव (1757–1947)
- 3 ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का भारतीय व्यापार पर प्रभाव (1757–1947)
- 4 इंडो-ग्रीक, शक, कुषाण एवं सातवाहन साम्राज्यों की व्यापार नीतियाँ
- 5 भारत में आर्थिक राष्ट्रवाद का उदय (1858–1947)
- 6 भारतीय उद्यमिता एवं आधुनिक उद्योगों का उदय (1858–1947)
- 7 परिवहन एवं संचार के आधारभूत ढांचे का विकास (1858-1947)
- 8 भारत के औपनिवेशिक इतिहास के प्रमुख व्यापारिक केंद्र
- 9 मौर्योत्तर एवं गुप्त काल में व्यापार एवं वाणिज्य
- 10 प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में सिक्का-प्रणालियाँ

