पश्चिमी घाट में खोजी गई दो नई पौधों की प्रजातियां

जनवरी 2022 में एसएनएम कॉलेज मलियांकारा, एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन और पÕयानूर कॉलेज ने तिरुवनंतपुरम और वायनाड जिलों में जैव विविधता संपन्न पश्चिमी घाट क्षेत्रें से दो नई पौधों की प्रजातियों ‘फिम्ब्रिस्टिलिस सुनिलि’ (Fimbristylis sunilii) और ‘निनोटिस प्रभुई’ (Neanotis prabhuii) की खोज की जानकारी दी है।

फिम्ब्रिस्टिलिस सुनिलिः यह ‘सायपेरेसी’ (Cyperaceae) परिवार का एक बारहमासी पौधा है, जो लंबाई में 20-59 सेमी होता है।

  • तिरुवनंतपुरम में पोनमुडी पहाडि़यों के घास के मैदानों से एकत्रित, फिम्ब्रिस्टाइलिस सुनिलि का नाम वनस्पति वर्गीकरण विज्ञानी एवं एसएनएम कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ‘सी-एन- सुनील’ के नाम पर रखा गया है।

निनोटिस प्रभुईः यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है। इसका नाम सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक के. एम. प्रभुकुमार के नाम पर रखा गया है।

  • वायनाड के चेम्बरा पीक घास के मैदानों में खोजा गया, यह पादप ‘रुबियासी’ (Rubiaceae) परिवार से है और अधिक ऊंचाई वाले घास के मैदानों पर उगता है।
  • यह 70 सेमी लंबाई तक का पुष्पीय पादप है, जिसमें हल्के गुलाबी रंग की पंखुडि़यों वाले फूल िखलते हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • आईयूसीएन रेड लिस्ट के तहत इन दोनों पादप प्रजाति को ‘आंकड़ों का अभाव’ (data deficient) के रूप में वर्गीकृत गया है।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी