रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर वैश्विक अनुसंधान रिपोर्ट

20 जनवरी, 2022 को ‘द लैंसेट’ में रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर वैश्विक अनुसंधान रिपोर्ट (Global Research on Antimicrobial Resistance report) प्रकाशित की गई।

महत्वपूर्ण तथ्यः इस रिपोर्ट में 2019 में रोगाणुरोधी प्रितरोध के वैश्विक प्रभाव का एक व्यापक अनुमान प्रकाशित किया गया है, जिसमें 204 देशों और क्षेत्रें को शामिल किया गया है।

  • लैंसेट ने पाया है कि 2019 में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance: AMR) के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12.7 लाख लोगों की मृत्यु हुई।
  • MR अब दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है, जो एचआईवी/ एड्स या मलेरिया से अधिक है।
  • 2019 में एचआईवी/एड्स और मलेरिया से क्रमशः 8.6 लाख और 6.4 लाख मौतें होने का अनुमान लगाया गया था।
  • अध्ययन किए गए 23 रोगजनकों में से, छः में दवा प्रतिरोध (ई कोलाई, एस ऑरियस, के न्यूमोनिया, एस न्यूमोनिया, ए बॉमनी, और पी एरुगिनोसा) सीधे 9.29 लाख मौतों का कारण बना और 3.57 मिलियन मौतों से जुड़ा था।
  • एक रोगजनक-दवा संयोजन ‘मेथिसिलिन-रेसिस्टेंट स्टैफिलोकोकस ऑरियस’ (MRSA) सीधे तौर पर 1 लाख से अधिक मौतों का कारण बना।

जीके फ़ैक्ट

  • एंटीबायोटिक दवाओं के दो वर्गों ‘फ्रलोरोक्विनोलोन’ (fluoroquinolones) और ‘बीटा-लैक्टम एंटीबायोटिक्स’ (beta-lactam antibiotics) को अक्सर गंभीर संक्रमणों के खिलाफ सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति माना जाता है। ‘इन दवाओं के प्रति प्रतिरोध’ AMR के कारण होने वाली 70% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।

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