बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021

16 जून, 2022 को केंद्रीय जल आयोग ने जल संसाधन विभाग के तत्वावधान में डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

  • कार्यशाला का उद्देश्य सभी हितधारकों को 2021 के अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जागरूक करना और भारत में बांध सुरक्षा शासन पर विचार-मंथन करना है।

बांध सुरक्षा अधिनियम 2021

  • बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 30 दिसंबर, 2021 से लागू हुआ। इसका उद्देश्य बांध की विफलता से संबंधित आपदाओं की रोकथाम और उनके सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए निर्दिष्ट बांध की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करना है।
  • इस अधिनियम के तहत, केंद्रीय जल आयोग के प्रमुख की अध्यक्षता में बांध सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया जाएगा।
  • एक नियामक निकाय के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
  • यह अधिनियम मौजूदा तथा जलवायु परिवर्तन जैसे नए मुद्दों के तहत महत्वपूर्ण बांध सुरक्षा मामलों का व्यापक रूप से निपटान करता है।
  • इसके प्रमुख प्रावधानों में बांधों का नियमित निरीक्षण, बांधों का जोखिम वर्गीकरण, आपातकालीन कार्य योजना, एक स्वतंत्र पैनल द्वारा व्यापक बांध सुरक्षा समीक्षा, बांधों की समय पर मरम्मत और रखरखाव, जोखिम मूल्यांकन अध्ययन, आपातकालीन बाढ़ चेतावनी प्रणाली और अपराध तथा दंड जैसे प्रावधान शामिल हैं।

भारत में बांधों से संबंधित तथ्य

भारत में वर्तमान में 5,334 बड़े बांध मौजूद हैं, जबकि 411 अन्य बड़े बांध निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।

  • महाराष्ट्र 2,394 बांधों के साथ पहले स्थान पर है, जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात बांधों की संख्या के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
  • भारत के बांधों में वार्षिक रूप से लगभग 300 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण होता है।
  • लगभग 80 प्रतिशत बांध 25 वर्ष से अधिक पुराने हैं
  • और 227 से अधिक बांध तो 100 वर्ष से भी अधिक आयु के हैं।
  • तमिलनाडु में कावेरी नदी पर स्थित कल्लनई बांध भारत का सबसे पुराना बांध है।

राष्ट्रीय परिदृश्य