आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 16 जून, 2021 को ‘आयुध निर्माणी बोर्ड’ (Ordnance Factory Board n` OFB) के निगमीकरण की योजना को मंजूरी प्रदान की गई।

  • उद्देश्यः आयुध कारखानों को उत्पादक और लाभदायक परिसंपत्तियों में बदलना, उत्पाद शृंखला में विशेषज्ञता को प्रगाढ़ करना, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना, गुणवत्ता में सुधार करना और लागत दक्षता हासिल करना।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः OFB, जो वर्तमान में 41 कारखानों को नियंत्रित करता है, को रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) की तर्ज पर 7 पूरी तरह से सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में पुनर्गठित किया जाएगा।
  • रक्षा मंत्रलय के अनुसार करीब 70,000 ओएफबी कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा।
  • पुनर्गठन की आवश्यकताः आयुध कारखानों पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की मार्च 2018 की रिपोर्ट के अनुसार आयुध कारखानों में उत्पादन निर्धारित लक्ष्य से कम होता जा रहा है और विभिन्न आयुध कारखाने 2017-18 में केवल 49% वस्तुओं के उत्पादन का ही लक्ष्य हासिल कर सके थे।

आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) रक्षा मंत्रलय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत कार्य करती हैं। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। 1775 के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों ने फोर्ट विलियम कोलकाता में आयुध बोर्ड की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की। 1801 में काशीपुर कोलकाता (वर्तमान में गन एंड शेल फैक्ट्री काशीपुर के रूप में जाना जाता है) में एक गन कैरिज एजेंसी (gun carriage agency) की स्थापना की गई। यह आयुध कारखानों का पहला औद्योगिक प्रतिष्ठान है।

आर्थिक परिदृश्य