उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 में संशोधनों का प्रस्ताव

ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने ‘उपभोत्तफ़ा संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020’ Consumer Protection (E-commerce) Rules 2020, में कई संशोधनों का प्रस्ताव दिया है।

  • उद्देश्यः ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता लाना और नियामक व्यवस्था को और मजबूत करना।
  • प्रस्तावित नियमः पारंपरिक ई-कॉमर्स फ्रलैश सेल (flash sales) पर प्रतिबंध नहीं है।
  • केवल विशिष्ट फ्रलैश सेल या ‘बैक-टू-बैक बिक्री’ (back-to-back sales) की अनुमति नहीं है, जो ग्राहक की पसंद को सीमित करती है, कीमतों में वृद्धि करती है और एक समान अवसर से रोकती है।
  • फ्रलैश सेल एक ई- कॉमर्स इकाई द्वारा ग्राहकों को लुभाने हेतु थोड़े समय के लिए दी जाने वाली छूट या प्रचार ऑफर है।
  • ई-कॉमर्स कंपनियों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपभोत्तफ़ाओं की शिकायतों के निवारण के लिए स्थायी रूप से रहने वाले शिकायत अधिकारी (resident grievance officer) और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये एक ‘मुख्य अनुपालन अधिकारी’ (chief compliance officer) नियुक्त करना होगा।
  • प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के पास अपना पंजीकरण कराना होगा, ताकि उनकी वास्तविकता को सत्यापित किया जा सके।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपभोत्तफ़ा उस स्थिति में प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हों, जब विक्रेता सामान या सेवाएं देने में विफल रहता है, प्रत्येक मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स इकाई के लिए देयता (देनदारी) का प्रावधान किया गया है।

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