जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा

11 जून, 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सभी जमा स्वीकार करने वाली आवास वित्त कंपनियों (Housing finance companies- HFCs) और 5,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक की संपत्ति रखने वाली जमा न स्वीकार करने वाली HFCs को ‘जोखिम-आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा’ (Risk-Based Internal Audit - RBIA) प्रावधान के दायरे में लाया गया है।

  • महत्वपूर्ण तथ्यः ऐसी आवास वित्त कंपनियों को 30 जून, 2022 तक जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा ढांचा तैयार करने के लिए कहा गया है।
  • जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षाः RBIA एक आंतरिक कार्यप्रणाली है, जो मुख्य रूप से गतिविधियों या प्रणाली से जुड़े अंतर्निहित जोिऽम पर केंद्रित है।
  • RBIA एक लेखा परीक्षा पद्धति है, जो एक संगठन के समग्र जोखिम प्रबंधन ढांचे को जोड़ती है और संगठन के आंतरिक नियंत्रण, जोखिम प्रबंधन और शासन से संबंधित व्यवस्था की गुणवत्ता और प्रभावशीलता पर निदेशक मंडल और वरिष्ठ प्रबंधन को आश्वासन प्रदान करती है।
  • आंतरिक लेखा परीक्षा कार्यप्रणाली को व्यवस्थित और अनुशासित दृष्टिकोण का उपयोग करके संगठन के शासन, जोखिम प्रबंधन और नियंत्रण प्रक्रियाओं के समग्र सुधार में व्यापक रूप से मूल्यांकन और योगदान करना चाहिए।

इससे पहले RBI ने सभी जमा स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC), 5,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक की संपत्ति रखने वाली सभी जमा न स्वीकार करने वाली NBFCs और 5,00 करोड़ रुपये या इससे अधिक की संपत्ति रखने वाले शहरी सहकारी बैंकों के लिए 31 मार्च, 2022 तक RBIA ढांचे को अनिवार्य करने के लिए कहा है।

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