कोयला 2022: 2025 विश्लेषण, पूर्वानूमान रिपोर्ट

16 दिसंबर, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने "Coal 2022: Analysis and Forecast to 2025" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।

मुख्य बिन्दु-

वैश्विक कोयले की मांग 2022 में सर्वकालिक उच्च स्तर तक बढ़ सकती है, जो मुख्य रूप से भारत, यूरोपीय संघ और चीन द्वारा कुछ हद तक कोयला बिजली वृद्धि द्वारा संचालित है।

  • वैश्विक कोयले का उपयोग 2022 में 1.2% की वृद्धि हो सकती है। भारत और चीन कोयले के सबसे बड़े उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक हैं। भारत में कोयले का घरेलू उत्पादन 2025 तक एक अरब टन से अधिक होने की उम्मीद है।
  • देश की कोयले की खपत 2007 के बाद से 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से दोगुनी हो गई है।
  • चीन में कोयले का उपयोग उच्च बना हुआ है, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि से 2025 तक कोयले की खपत औसतन 0.7 प्रतिशत प्रतिवर्ष के औसत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

भारत में कोयला उत्पादन

  • सतत निवेश कार्यक्रम एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने पर व्यापक रूप से बल देते हुए कोयले के अखिल भारत उत्पादन को वर्ष 2020-21 में 716.08 मिलियन टन (अनंतिम) तक बढ़ाना संभव हो पाया है।
  • 2021-22 के दौरान कोयले का अखिल भारत उत्पादन 8.67% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 778.19 मि.ट. (अनंतिम) था।
  • कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) तथा इसकी सहायक कंपनियों ने वर्ष 2019-20 में 602.129 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2020-21 के दौरान 0.98% की नकारात्मक वृद्धि दर्शाते हुए 596.221 मिलियन टन उत्पादन किया है। 2021-22 के दौरान कोल इंडिया लि. द्वारा कोयले का उत्पादन 7.43% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 622.634 मि.ट. (अनंतिम) था।
  • सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) दक्षिणी क्षेत्र में कोयला आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। कंपनी ने वर्ष 2020-21 के दौरान 50.580 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है, जबकि इसकी तुलना में गत वर्ष के इसी अवधि में यह 64.044 मिलियन टन था। 2021-22 के दौरान एससीसीएल द्वारा कोयले का उत्पादन 28.55% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 65.022 मि.ट. (अनंतिम) था। टिस्को, आईआईएससीओ, डीवीसी तथा अन्य कंपनियों द्वारा भी कुछ कोयले का उत्पादन किया जाता है।

आर्थिक परिदृश्य