भारत के ऊर्जा परिवर्तन में ब्लू हाइड्रोजन और इसकी भूमिका

ब्लू हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस या कोयले से स्टीम मीथेन रिफॉर्मिंग (SMR) या गैसीकरण के माध्यम से उत्पादित होता है।

  • इसमें कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) तकनीक से CO2 उत्सर्जन को कम किया जाता है
  • लक्ष्य :
    • भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना है ।
    • 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करना है।

औद्योगिक अनुप्रयोग:

  • रिफाइनरी:
    • पेट्रोलियम शोधन में हाइड्रो-ट्रीटमेंट और डी-सल्फराइजेशन के लिए उपयोग।
    • भारत में वर्तमान में 6 मिलियन टन/वर्ष हाइड्रोजन की खपत, मुख्य रूप से रिफाइनरी और अमोनिया उत्पादन में।
  • उर्वरक:
    • अमोनिया उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में, जो उर्वरक उद्योग का आधार ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष