सतत कृषि वित्तपोषण

सतत कृषि वित्तपोषण (Sustainable Agriculture Financing) का तात्पर्य ऐसे वित्तीय उपायों और निवेशों से है जो कृषि क्षेत्र में पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।

  • इसका उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि संसाधनों का संरक्षण, जलवायु लचीलापन और किसान कल्याण सुनिश्चित करना भी होता है।

सतत कृषि वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत और तंत्र

  • सरकारी योजनाएँ और अनुदान:
    • भारत में, सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देती है, जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), राष्ट्रीय मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (NMSA), और परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY), जो जैविक खेती और मिट्टी स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करती हैं।

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