डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर जेनेटिक टेस्टिंग

डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (DTC) जेनेटिक टेस्टिंग में व्यक्ति बिना डॉक्टर की सलाह के सीधे आनुवंशिक जांच करवा सकते हैं। इसमें नमूना (जैसे- लार) भेजकर ऑनलाइन रिपोर्ट प्राप्त होती है।

  1. सटीकता की सीमाएं:
    • सीमित जीन विश्लेषण: केवल कुछ वेरिएंट्स की जांच होती है, जिससे भविष्यवाणी की क्षमता सीमित होती है।
    • जनसंख्या-स्तरीय जोखिम: व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समूह-आधारित आकलन।
    • वैधता और मार्गदर्शन की कमी: भारत में क्लिनिकल मानकों और जेनेटिक काउंसलिंग की अनुपलब्धता से परिणाम भ्रमित कर सकते हैं।
  2. गोपनीयता संबंधी चिंताएं:
    • डेटा का व्यापार: कंपनियाँ डेटा बेच सकती हैं या साझा कर सकती हैं।
    • बीमा भेदभाव: जीवन और अन्य बीमा योजनाओं में जेनेटिक डेटा का दुरुपयोग हो सकता है।
    • बच्चों का डेटा: ....
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