स्टारलिंक और भारत में उपग्रह इंटरनेट

2025 में स्टारलिंक को भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए कड़े सुरक्षा, डेटा स्थानीयकरण और स्वदेशीकरण नियमों के तहत अनुमति मिली, जिससे डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

  1. नियामक स्थिति
    • स्टारलिंक की स्वीकृति
      • मई 2025 में भारत के दूरसंचार विभाग (DoT) से स्वीकृति पत्र (LoI) प्राप्त।
      • राष्ट्रीय सुरक्षा और लाइसेंसिंग नियमों के अनुपालन के बाद परिचालन लाइसेंस मिलेगा।
    • अन्य कंपनियाँ
      • OneWeb (Eutelsat) और Jio-SES को पहले ही अनुमति मिल चुकी।
      • Amazon का प्रोजेक्ट कुइपर अभी नियामक अनुमोदन की प्रतीक्षा में।
  2. प्रमुख नियामक आवश्यकताएँ
    • डेटा स्थानीयकरण
      • सभी उपयोगकर्ता डेटा भारतीय सीमा के भीतर रहना चाहिए।
      • कोई भी ट्रैफ़िक विदेशी गेटवे से नहीं गुजर सकता।
    • सुरक्षा और निगरानी
      • वास्तविक समय अवरोधन और निगरानी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष