सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल दिसंबर 2019

निबन्ध

विवेक उपाध्यायदिल्ली की चमचमाती सड़कों, फ्लाइओवर, दमकते बाजार, सत्ता के तेज के बीच मास्क लगाए हुए लोगों को देखकर ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी का वैभव, शक्ति नेतृत्व, साधन-संसाधन नागरिकों को सांस लेने के लायक हवा की आपूर्ति भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी पर्यावरणीय स्थिति में विकास .... Read More
वैश्वीकरण एवं भारतीय महिला

महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं और वे अब उन क्षेत्रों और जिम्मेदारियों में सक्रिय हैं, जो पहले पुरुषों के लिए आरक्षित थीं। अमेरिकी अर्थशास्त्री एडवर्ड एस- हरमन के अनुसार ‘‘वैश्वीकरण प्रबंधन और प्रक्रिया की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का विस्तार है। साथ ही यह सुविधाओं और आर्थिक स्थिति की एक .... Read More
भारत में जैव विविधता संरक्षण

जलवायु परिवर्तन व मानवीय गतिविधियों के कारण भारत की जैव-विविधता कई स्थानों पर बिगड़ चूकी है। हालांकि, आर्थिक विकास के लिए जैव-संसाधनों के उपयोग और पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के बीच सामंजस्य बिठाना चुनौतीपूर्ण है। भारत उन कुछ देशों में से एक है जहां वनों का अस्तित्व बढ़ रहा है और .... Read More
पारंपरिक औषधि एवं बौद्धिक संपदा अधिकार

बौद्धिक संपदा अधिकार जनजातीय एवं स्थानीय समुदाय को अपने पारंपरिक ज्ञान के उपयोग से वंचित करता है। इससे समावेशी चिकित्सा उपलब्ध करवाना कठिन होता जा रहा है। पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक मूल्यों पर आधारित है और यह जनजातीय एवं स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ एशियाई और अफ्रीकी .... Read More
केस स्टडी