IAS साक्षात्कार

ऋचा रत्नम
सिविल सेवा परीक्षा 2019 हिन्दी माध्यम टॉपर आल इंडिया रैंक 274
परीक्षार्थी को उसी भाषा में परीक्षा देनी चाहिए जिसमें वह सहज हो।


परिचय

  • नाम: ऋचा रत्नम
  • पिता का नाम एवं पेशा: डॉ शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग (रिटायर्ड)
  • माता का नाम: श्रीमती शशि कला श्रीवास्तव, गृहिणी
  • शैक्षिक योग्यता: इंजीनियरिंग (B.Tech)
  • अभिरुचियां: गाने सुनना
  • आदर्श व्यक्ति: स्वामी विवेकानंद, राहुल द्रविड़
  • सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष: धैर्य, सहनशीलता, अधिक भावुक होना।
  • वैकल्पिक विषय (मुख्य परीक्षा): इतिहास
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सेवा परीक्षा 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में अपने परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
  • ऋचा रत्नमः मेरी सफलता में मेरे परिवार एवं शिक्षक के साथ-साथ मेरे गुरू का भी बहुत योगदान है। चूंकि आरंभ में मेरा चयन नहीं हो पा रहा था इसलिए पूरे परिवार का सहयोग मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था ताकि मैं अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी तैयारी अच्छे ढंग से कर सकूं।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
  • ऋचा रत्नमः मैंने अपनी परीक्षा की तैयारी NCERT के पाठ्य पुस्तकों से प्रारंभ की। उसके बाद मैंने अपने वैकल्पिक विषय और सामान्य अध्ययन की तैयारी की। इसके साथ ही मैं नियमित तौर पर न्यूज पेपर पढ़ती थी। तैयारी के दौरान मेरा विशेष ध्यान नियमित व गुणवत्तापूर्ण अध्ययन पर था।
  • प्रतियोगियों को IAS परीक्षा की तैयारी स्नातक के बाद जल्द से जल्द शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। हालांकि यह परिस्थिति पर भी निर्भर करता है लेकिन मेरा मानना है कि प्रथम प्रयास से कम से कम 2 साल पहले तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ या हानि का सामना करना पड़ा? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
  • ऋचा रत्नमः मेरे अनुसार किसी भी परीक्षार्थी को उसी भाषा में परीक्षा देनी चाहिए जिसमें वह सहज हो। मैंने हिंदी माध्यम का चयन इसी वजह से किया।
  • मेरा यह मानना है कि सिर्फ भाषा के कारण कोई भी माध्यम लाभप्रद स्थिति में है, ऐसा नहीं कहा जा सकता_ लेकिन यह अवश्य है कि हिंदी व अन्य भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री की कमी है। इसलिए हिंदी भाषा में अच्छी तैयारी के लिए थोड़ा अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इनके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया या उसमें बदलाव किए?
  • ऋचा रत्नमः मेरा वैकल्पिक विषय इतिहास था। मैंने इस विषय का चयन अपनी अभिरुचि के आधार पर किया। चूंकि इतिहास से सामान्य अध्ययनऔर निबंध के अनिवार्य पेपरों के पाठ्यक्रम का एक अच्छा हिस्सा भी कवर हो जाता है इसलिए यह मेरे लिए एक स्वाभाविक विकल्प था।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में समय की रणनीति आपकी एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
  • ऋचा रत्नमः मेरे अनुसार प्रथम प्रयास देने से पूर्व के 2 वर्ष प्रीलिम्स के लिए सामान्य अध्ययन एवं मुख्य परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन व वैकल्पिक विषय की तैयारी के लिए उपयुक्त हैं। जहां तक परीक्षा के तीनों चरणों के लिए समय की रणनीति का प्रश्न है तो फरवरी अंत तक मैंने प्रीलिम्स और मेन्स दोनों के लिए एक साथ अध्ययन किया। मार्च से मई के दौरान अंत तक मैंने पूरी तरह से प्रीलिम्स पर ध्यान केंद्रित किया। मैंने हर दिन एक मॉक टेस्ट किया। इस तरह मैंने अपना समय मेन्स और प्रीलिम्स के बीच बांट दिया। इंटरव्यू के तैयारी के लिए 1 महीने का समय पर्याप्त है।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयारी करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनायी? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए आपने क्या कोई विशेष रणनीति अपनायी?
  • ऋचा रत्नमः सामान्य अध्ययन की तैयारी हेतु प्रतिदिन एक न्यूज पेपर पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट के मासिक संकलन या किसी मासिक पत्र पत्रिका को भी पढ़ना चाहिए। मैंने सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम के सभी टॉपिक्स पर नोट्स तैयार किया था। इसके अलावा मुख्य परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर तय समय सीमा में देने के लिए मैंने उत्तर लेखन का नियमित अभ्यास भी किया था। प्रश्नों के उत्तर बुलेट्स में लिखे, आपकी वाक्य की संरचना छोटी होनी चाहिए और जहां तक हो सके सरल भाषा का ही प्रयोग करें।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपना नोट्स बनाया? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इस नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनायी?
  • ऋचा रत्नमः हां मैंने मुख्य परीक्षा की तैयारी के अपने नोट्स तैयार किए थे। अपने नोट्स खुद से तैयार करने के कारण परीक्षा में मुझे बहुत मदद मिली। उदाहरण के लिए मुख्य परीक्षा के लिए मैंने अपने नोट्स तैयार किए थे, जिसमें सामान्य अध्ययन के सभी स्टैटिक (Static) टॉपिक्स पर मेरे पास एक हर विषय के लिए एक बुनियादी संरचना (Basic Structure) थी जिससे मुझे मुख्य परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर लिखने में मदद मिली।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनायी?
  • ऋचा रत्नमः मैंने निबंध के लिए अलग से पढ़ाई नहीं की है एवं निबंध की तैयारी के लिए ज्यादातर सामान्य अध्ययन से उपाख्यानों (ancedotes) को एकत्र किया था। इसके अलावा मैंने प्रीलिम्स एवं मुख्य परीक्षा के बीच में प्रत्येक हफ्रते में कम से कम एक निबंध लिखने का अभ्यास किया। हर निबंध में मेरी यह कोशिश रहती थी कि उस विषय से संबंधित सभी मुख्य आयाम (speclih) को मैं निबंध में लिखूं। उदाहरण के लिए मैंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता व इससे उत्पन्न रोजगार संबंधी चुनौतियों पर निबंध लिखते समय इतिहासकार युवाल हरारी के विचार लिखे। साथ ही साथ इसके राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक पहलुओं को भी लिखा।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःउत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
  • ऋचा रत्नमः मेरी पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग से जुड़ी थी इसलिए मैंने जो शैली अपनाई वह थी-
  • छोटे-छोटे वाक्यों में लिखना
  • सरल भाषा का उपयोग
  • पैराग्राफ और बुलेट पॉइंट का उपयोग करना।
  • अधिक से अधिक उप शीर्षकों (Sub heading) का उपयोग करें। उदाहरण के लिए जब न्यायपालिका की समस्याएं पूछी जाती हैं, तो इसे प्रक्रियात्मक, अवसंरचनात्मक, परिचालनात्मक, नियुक्ति संबंधी आदि में विभाजित करना। जहां भी संभव हो डायग्राम और फ्रलोचार्ट का उपयोग_ साथ ही प्रश्न के अंत में ठोस निष्कर्ष लिखें जैसे मैंने प्रश्न के अंत में आगे का मार्ग लिखा और भविष्य के समाधान लिखे। इसमें ज्यादातर प्रासंगिक समिति की सिफारिशें शामिल थीं। इसके लिए मैंने नियमित अभ्यास किया था, जिसके बाद यह लेखन शैली विकसित हुई।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए।
  • ऋचा रत्नमः साक्षात्कार के लिए मैंने बहुत सारे मॉक इंटरव्यू दिए जिससे इंटरव्यू के लिए मेरी तैयारी बेहतर हो सके। मॉक इंटरव्यू देने से मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई और मैंने अपने व्यक्तित्व से संबंधित कमियों को दूर करने के लिए मॉक इंटरव्यू में बताए गए सुझावों पर काम किया। इंटरव्यू के लिए मैंने DAF को आधार बनाते हुए इसके विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए ही तैयारी की थी। बोर्ड में मुख्यतः मेरे DAF से संबंधित प्रश्नों के अलावा वैकल्पिक विषय के साथ-साथ समसामयिकी पर प्रश्न पूछे गए थे।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी?
  • ऋचा रत्नमः सामान्य अध्ययन या वैकल्पिक विषय के लिए मैंने किसी भी कोचिंग के क्लासरूम प्रोग्राम को नहीं किया है। हालांकि मैंने कुछ कोचिंग संस्थान में अपना नामांकन कराया था लेकिन किसी भी कोचिंग संस्थान के क्लासरूम प्रोग्राम को मैंने पूरा नहीं किया। लेकिन मुख्य परीक्षा के लिए मेरे लिए यह आवश्यक था कि मुझे एक अच्छे ढंग से गाइडेंस मिले। सामान्य अध्ययन के लिए मैंने forum ias के मेंटर गाइडेंस प्रोग्राम एवं ऑनलाइन क्लासेज के साथ-साथ इतिहास के लिए सिहांता आईएएस में रजनीश सर का गाइडेंस लिया था।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उनको आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर कोई छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हों, तो ऐसे छात्रें को क्या करना चाहिए?
  • ऋचा रत्नमः मेरा यह मानना है कि सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी छात्र को ncert की पाठ्यपुस्तक के साथ तैयारी की शुरुआत करनी चाहिए इससे किसी भी छात्र को अपने आधार एवं समझ को मजबूत करने में मदद मिलती है साथ ही प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। आपका माध्यम कोई भी हो लेकिन सभी को The Hindu समाचार पत्र पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
  • इसके अलावा छात्रें को अधिक से अधिक विभिन्न विषयों के नोट्स खुद से बनाने की कोशिश करनी चाहिए। आज के समय में जब इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है और इस परीक्षा से संबंधित सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है तो ग्रामीण क्षेत्र से तैयारी कर रहे छात्रें को इंटरनेट का उपयोग प्रभावी ढंग से करना चाहिए।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कॅरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कॅरियर विकल्प रख रखा था?
  • ऋचा रत्नमः हालांकि मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है लेकिन मैंने कभी भी किसी और कॅरियर विकल्प को प्राथमिकता नहीं दी और अपना पूरा ध्यान सिविल सेवा की परीक्षा में ही लगाया।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
  • ऋचा रत्नमः मैंने The Hindu समाचार पत्र का अध्ययन प्रतिदिन किया था। इसके अलावा समसामयिकी के लिए मैंने क्रॉनिकल को नियमित रूप से पढ़ा है। इस पत्रिका में प्रमुख मुद्दों को काफी अच्छे ढंग से कवर किया जाता है, जिससे मुझे अपनी तैयारी में मदद मिली।
  • सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखती हैं?
  • ऋचा रत्नमः मैंने नियमित रूप से सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल को अपनी तैयारी के दौरान पढ़ा है, इससे मुझे सामान्य अध्ययन की तैयारी में पूरी मदद मिली। इस पत्रिका में विभिन्न मुद्दों को काफी अच्छे ढंग से कवर किया जाता है।

अनुशंसित पुस्तक सूची

  • प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययनः NCERT पुस्तकें, संस्कृति कक्षा ग्यारहवीं NCERT, नितिन सिंघानिया, पुस्तक एवं इंटरनेट।
  • राजव्यवस्थाः एम- लक्ष्मीकांत
  • इकोनॉमीः क्लास 12 मैक्रो NCERT, शंकर-गणेश पुस्तक व मृणाल व्याख्यान
  • विज्ञानः कक्षा 12 जीवविज्ञान के पिछले 3-4 अध्याय
  • पर्यावरणः शंकर आईएएस
  • भूगोल (भौतिक+विश्व)ः कक्षा XI और XII NCERT एवं मृणाल व्याख्यान
  • इथिक्सः द लेक्सिकन क्रॉनिकल बुक्स
  • करंट अफेयर्सः क्लास-नोट्स (फोरम IAS), संकलन - मासिक और वार्षिक

वैकल्पिक विषय

  • भारत का प्राचीन इतिहास -आर-एस- शर्मा
  • प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन भारत का इतिहास -उपिंदर सिंह
  • मध्यकालीन भारत का इतिहास (800-1700 AD) -सतीश चन्द्र
  • भारत का स्वतंत्रता संघर्ष -बिपिन चन्द्र
  • आजादी के बाद का भारत (1947-2000) -बिपिन चन्द्र
  • प्लासी से लेकर विभाजन और उसके बाद तक -शेखर बंदोपाध्याय
  • समकालीन विश्व इतिहास -अर्जुन देव
  • पत्र एवं पत्रिकाएंः -द हिन्दू, क्रॉनिकल पत्रिका

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