थार मरुस्थल में मिले डायनासोर की तीन प्रजातियों के पदचिह्न

सितंबर 2021 में जीवाश्म विज्ञानियों के एक दल ने राजस्थान के जैसलमेर जिले के थार मरुस्थल में डायनासोर की तीन प्रजातियों के पैरों के निशान (पदचिह्न) खोजे हैं।

वे डायनासोर की तीन प्रजातियों से संबंधित हैं- ‘यूब्रोंट्स सीएफ गिगेंटस’ (Eubrontes cf- Giganteus), ‘यूब्रोंट्स ग्लेनरोसेंसिस’ (Eubrontes glenrosensis) और ‘ग्रेलेटर टेनुइस’ (Grallator tenuis)।

  • गिगेंटस और ग्लेनरोसेंसिस प्रजातियों के 35 सेमी के पदचिह्न हैं, जबकि तीसरी प्रजाति के पदचिह्न 5.5 सेमी पाए गए।
  • ये पदचिह्न 200 मिलियन वर्ष पुराने थे। वे जैसलमेर के थायट (Thaiat) गांव के पास पाए गए।
  • इन डायनासोर की प्रजाति को ‘थेरोपोड’ (theropod) प्रकार का माना जाता है, जिनमें खोखली हड्डियों और तीन पैर वाले अंग (अँगुलियों) की विशिष्ट विशेषताएं हैं। प्रारंभिक जुरासिक काल से संबंधित ये सभी तीन प्रजातियां मांसाहारी थीं।

थार मरुस्थलः यह पूर्व में अरावली पर्वतश्रृंखलाओं और पश्चिम में सिंधु नदी के बीच फैला हुआ है। भारत के भीतर इसका अधिकतम क्षेत्र (85%) है और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक छोटा क्षेत्र (15%) है।

  • भारत में, मरुस्थल ज्यादातर राजस्थान राज्य में फैला हुआ है और भारत के गर्म शुष्क क्षेत्रों का एक हिस्सा है। इस क्षेत्र में प्रति वर्ष 150 मिमी से भी कम वर्षा होती है। ‘लूनी’ इस क्षेत्र की एकमात्र बड़ी नदी है।

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