भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिजर्व

सितंबर 2021 में तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की कि वह पाक खाड़ी (palk bay) में भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिजर्व स्थापित करने की योजना बना रही है। यह 500 वर्ग किमी. के क्षेत्र में होगा।

डुगोंगः डुगोंग (वैज्ञानिक नाम- डुगोंग डुगोन), जिसे समुद्री गाय भी कहा जाता है, एक शाकाहारी स्तनपायी है।

  • वे तीन मीटर तक लंबे हो सकते हैं, इनका वजन लगभग 300 किलोग्राम होता है और लगभग 65 से 70 साल तक जीवित रह सकते हैं।
  • वे समुद्री घास खाते हैं और सांस लेने के लिए सतह पर आते हैं।
  • वे 30 से अधिक देशों में पाए जाते हैं और भारत में मन्नार की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी, पाक खाड़ी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाए जाते हैं।

संरक्षण की स्थितिः डुगोंग को आईयूसीएन रेड लिस्ट में ‘अतिसंवेदनशील’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह CITES के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध है, जो प्रजातियों और उसके अंगों के व्यापार को प्रतिबंधित करता है।
  • डुगोंग भारत में भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित हैं, जो डुगोंग के शिकार और मांस खरीद पर प्रतिबंध लगाता है।

खतरेः विकास गतिविधियों के कारण समुद्री घास पर्यावास नुकसान, जल प्रदूषण और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के क्षरण ने इन धीमी गति से चलने वाले जानवरों के लिए जीवन कठिन बना दिया है।

इन्हें भी जानें

सीरोटाइप 2 डेंगू

सितंबर 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के 11 राज्यों में ‘सीरोटाइप 2 डेंगू’ (Serotype 2 dengue) की उभरती चुनौती को लेकर चतावनी जारी की।

सीरोटाइप - II डेंगू के मामलों की रिपोर्ट करने वाले राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, डेंगू के चार प्रकार हैं - सीरोटाइप 1 से लेकर 4 तक। पूरी दुनिया में हर साल करीब 4 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं। सीरोटाइप-2 के वर्तमान में 35% मामले हैं। यह डेंगू बुखार के अन्य प्रकारों तुलना में अधिक गंभीर है। सीरोटाइप-2 डेंगू संक्रमण में, प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अति सक्रिय होती है, जिसके परिणामस्वरूप साइटोकाइन स्टॉर्म (cytokine storm) होता है, जो अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डेंगू का यह रूप किडनी को भी प्रभावित करता है। अन्य प्रकारों की तुलना में सीरोटाइप-2 डेंगू मामलों में मृत्यु की संभावना अधिक हो सकती है, हालांकि डेंगू में कुल मृत्यु दर 1% से कम है। डेंगू के प्रकार, रोग पैदा करने वाले वायरस द्वारा वितरित प्रोटीन की विविधता से पहचाने जाते हैं।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी