समुद्री खीरा

19 सितंबर, 2021 को तमिलनाडु के मंडपम में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की टीम ने तेजी से संचालित किए गए एक अभियान में दो टन समुद्री खीरा (Sea cucumber) जब्त किया, जो एक प्रतिबंधित समुद्री प्रजाति है।

महत्वपूर्ण तथ्यः समुद्री खीरे समुद्री अकशेरूकीय (marine invertebrates) हैं, जो समुद्र तल पर रहते हैं। उनका नाम उनके असामान्य आयताकार आकार के आधार पर रखा गया है, जो एक मोटे खीरे जैसा दिखता है।

  • समुद्री खीरे की लगभग 1,250 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से सभी टैक्सोनोमिक क्लास (taxonomic class) होलोथुरोइडिया (Holothuroidea) से संबंधित हैं। यह वर्ग इकाइनोडर्मेटा संघ (Echinodermata phylum) के अंतर्गत आता है, जिसमें कई अन्य प्रसिद्ध समुद्री अकशेरूकीय भी शामिल हैं, जैसे कि समुद्री तारे, समुद्री अर्चिन (sea urchins) और सैंड डॉलर (sand dollars)।
  • समुद्री खीरे का आकार लगभग 1.9 सेंटीमीटर से लेकर 1.8 मीटर से अधिक तक होता है।
  • वे प्रवाल पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग हैं क्योंकि समुद्री खीरे के मुख्य उप-उत्पादों में से एक कैल्शियम कार्बोनेट है, जो कि प्रवाल भित्तियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
  • समुद्री खीरा वाहित मल (sewage) का अंतर्ग्रहण करके समुद्री जल की पारदर्शिता बनाए रखता है। यह समुद्र को अम्लीकरण से भी बचाता है।
  • चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में समुद्री खीरे की अत्यधिक मांग है। मुख्य रूप से इसकी तस्करी रामनाथपुरम और तूतीकोरिन जिलों से मछली पकड़ने के जहाजों में तमिलनाडु से श्रीलंका तक की जाती है।

जीके फ़ैक्ट

  • भारत में समुद्री खीरे को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-I के तहत सूचीबद्ध एक संकटग्रस्त (Endangered) प्रजाति के रूप में माना जाता है।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी