प्रिसिजन गाइडेड स्टराइल इन्सेक्ट टेक्निक

CRISPR -आधारित जेनेटिक इंजीनियरिंग में प्रगति का लाभ उठाते हुए, शोधकर्ताओं ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो मच्छरों की आबादी को रोकती है।

महत्वपूर्ण तथ्यः नर मच्छर बीमारियों को प्रसारित नहीं करते हैं, इसलिए ‘प्रिसिजन गाइडेड स्टराइल इन्सेक्ट टेक्निक’ (precision-guided sterile insect technique: pgSIT) तकनीक CRISPR का उपयोग करके अधिक-से-अधिक नर मच्छरों को बाँझ बनाने पर आधारित है तथा और मादा मच्छरों (जो बीमारी फैलाती है) को उड़ने से रोकती है।

  • pgSIT, पुरुष प्रजनन क्षमता से जुड़े जीन और मादा एडीज एजिप्टी में उड़ने (flight) से संबंधित जीन को परिवर्तित कर देती है।
  • मादा एडीज एजिप्टी डेंगू बुखार, चिकनगुनिया और जीका सहित बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेदार मच्छर प्रजाति है।
  • दो सुरक्षा विशेषताएं जो इस तकनीक के लिए स्वीकृति को सक्षम करती हैं- यह प्रणाली स्वयं-सीमित (self-limiting) है और इसकी पर्यावरण में बने रहने या फैलने की सम्भावना नहीं है।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि pgSIT वाले अंडों को मच्छर जनित बीमारी के खतरे वाले स्थान पर छोड़ा जा सकता है या एक ऐसी साइट पर विकसित किया जा सकता है जो आस-पास की तैनाती के लिए अंडे का उत्पादन कर सकें।
  • एक बार जब pgSIT अंडे जंगल में छोड़ दिए जाते हैं, तो ये बाँझ pgSIT नर मच्छर पैदा करेंगे, जो मादाओं के साथ संभोग करेंगे, जिससे जंगली आबादी को आवश्यकतानुसार कम किया जा सकेगा।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी