दीपोर बील वन्यजीव अभयारण्य का पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र

25 अगस्त, 2021 को, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुवाहाटी के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर दीपोर बील वन्यजीव अभयारण्य को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः अधिसूचना ने एक क्षेत्र जिसकी सीमा 294 मीटर से 16.32 किमी तक हो सकती हैष् को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र के रूप में निर्दिष्ट किया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 148.9767 वर्ग किमी. है।

  • दीपोर बील आर्द्रभूमि को दशकों से, इसके दक्षिणी भाग से गुजरने वाले ‘रेलवे ट्रैक’ (जिसका दोहरीकरण और विद्युतीकृत किया जाना है), कचरा फेंके जाने और मानव निवास और वाणिज्यिक इकाइयों से अतिक्रमण का खतरा है।

दीपोर बीलः यह असम की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है।

  • आर्द्रभूमि का गर्मियों में 30 वर्ग किमी. तक विस्तार होता है और सर्दियों में लगभग 10 वर्ग किमी. तक कम हो जाती है।
  • इस आर्द्रभूमि के भीतर 4.1 वर्ग किमी. का वन्यजीव अभयारण्य है।

जीके फ़ैक्ट

  • यह एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र होने के अलावा राज्य का एकमात्र रामसर स्थल है। दीपोर बील को 2002 में रामसर स्थल नामित किया गया था।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी