सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक

नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने स्वदेशी रूप से विकसित ‘सेलाइन गार्गल (नमक घोल के गरारे) आरटी-पीसीआर तकनीक’ (The Saline Gargle RT-PCR technology) की जानकारी 11 सितंबर, 2021 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को हस्तांतरित की।

महत्वपूर्ण तथ्यः इस तकनीक का उपयोग कोविड-19 नमूनों के परीक्षण के लिए उपयोग किया जाता है।

  • सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक सरल, त्वरित, सस्ती, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है।
  • यह त्वरित जांच परिणाम भी उपलब्ध कराती है और न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए सर्वथा उपयुक्त है।
  • कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए NEERIने देश भर में इसके व्यापक प्रसार के लिए संभावित लाइसेंसधारियों को जानकारी हस्तांतरण करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

जीके फ़ैक्ट

  • 1958 में स्थापित NEERI केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत) के अंतर्गत आता है। NEERI पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी प्रयोगशाला है और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की घटक प्रयोगशाला है। NEERI की चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में पांच क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं हैं।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी