खुदरा मुद्रास्फ़ीति में कमी

12 जुलाई, 2022 को केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की उपभोत्तफ़ा मूल्य सूचकांक (consumer price index) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जून माह में मामूली रूप से कम होकर 7.01% हो गई, जो मई माह में 7.04% थी।

महत्वपूर्ण तथ्यः खुदरा मुद्रास्फीति लगातार छठे महीने तक भारतीय रिजर्व बैंक की सहनशीलता सीमा से काफी ऊपर रही। जिसका मुख्य कारण ईंधन और खाना पकाने के तेल की कीमतों में वृद्धि है।

  • जून 2022 में खाद्य बास्केट में मुद्रास्फीति 7.75% थी, जबकि पिछले महीने में यह 7.97% थी।
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) के आंकड़ों के अनुसार, मई माह में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि बढ़कर 19.6% हो गई।
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) अप्रैल 2022 में पिछले 7 महीनों में कमजोर रहने के बाद 7.1% तक बढ़ा था।
  • मई 2022 में, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 20.6%, खनन उत्पादन में 10.9% और बिजली उत्पादन में 23.5% की वृद्धि हुई।

मौद्रिक नीति समिति

  • मौद्रिक नीति समिति ‘भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (Reserve Bank of India Act, 1934)’ के अंतर्गत गठित 6 सदस्यीय समिति होती है, जिसका कार्य भारत की मौद्रिक नीति के संबंध में निर्णय लेना होता है।
  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) की स्थापना 2016 में उर्जित पटेल समिति की सिफारिश पर की गयी थी।
  • समिति में 3सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक के होते हैं, तथा 3 अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जाते हैं।
  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) में बहुमत के आधार पर निर्णय लिये जाते हैं, और समान मतों की स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर अपना निर्णायक मत देता है।
  • आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 4%+-(2%) के स्तर पर बनाए रखना आवश्यक है।
  • रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) को सरकार ने उपभोत्तफ़ा मूल्य सूचकांक के आधार पर 4% (+, -2%) पर खुदरा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का काम सौंपा हैं।

आर्थिक परिदृश्य