भारत के विदेशी ऋण में वृद्धि
30 जून, 2022 को रिजर्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में भारत का विदेशी ऋण 47.1 अरब डॉलर बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया।
महत्वपूर्ण तथ्यः भारत के जीडीपी में विदेशी ऋण का अनुपात मार्च 2021 के अंत में 21.2% से घटकर मार्च 2022 के अंत में 19.9% हो गया।
- मार्च 2022 के अंत तक दीर्घकालिक ऋण 499.1 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो मार्च 2021 के अंत के स्तर से 26.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि को दर्शाता है। इसी अवधि के दौरान, कुल विदेशी ऋण में अल्पकालिक ऋण का हिस्सा 17.6% से बढ़कर 19.6% हो गया तथा लंबी अवधि का ऋण 5.6% बढ़ा है और यह 499 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
- मार्च 2022 के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार के लिए अल्पकालिक ऋण (short-term debt) का अनुपात बढ़कर 20% हो गया, जो मार्च 2021 के अंत में 17.5% था।
- अमेरिकी डॉलर भारत के विदेशी ऋण का सबसे बड़ा घटक बना हुआ है, जिसमें 53.2% की हिस्सेदारी है। इसके बाद भारतीय रुपया (31.2%), स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) (6.6%), येन (5.4%) और यूरो (2.9%) का स्थान है।
- कुल विदेशी ऋण में गैर-वित्तीय निगमों के बकाया ऋण की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40.3% थी।
- भारतीय निवासियों की विदेशी संपत्ति में 2021-22 की मार्च तिमाही के दौरान गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण प्रत्यक्ष, पोर्टफोलियो और अन्य निवेश जैसे कि व्यापार ऋण और मुद्रा और जमा में आरक्षित संपत्ति में 26.3 बिलियन अमरीकी डालर की कमी होना था।
आर्थिक परिदृश्य
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 पे ऐज यू ड्राइव
- 3 पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड
- 4 4 सहकारी बैंकों पर प्रतिबंध
- 5 एसबीआई की व्हाट्सएप बैंकिंग सेवा
- 6 मेटावर्स वर्चुअल लाउंज-यूनी-वर्स
- 7 फ़ेडरल बैंक पर जुर्माना
- 8 पीएनबी रक्षक प्लस
- 9 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
- 10 वन लाइनर समसामयिकी
- 11 2022-23 के लिए भारत के विकास का अनुमान 7.4%
- 12 शहरी सहकारी बैंक
- 13 रक्षा निर्यात में वृद्धि
- 14 तीन बैंकों को विदेशी खरीद की अनुमति
- 15 डिजीवाणी कॉल सेंटर
- 16 राष्ट्रीय कृषि बाजार
- 17 स्वनिधि महोत्सव
- 18 स्टार्टअप स्कूल इंडिया
- 19 अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क
- 20 स्मार्ट परिसर
- 21 ग्रैंड हैकथॉन
- 22 व्यवसाय सुधार कार्य योजना 2020
- 23 क्रिसिल का जीडीपी विकास अनुमान
- 24 वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट
- 25 8 प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक
- 26 भारत के वस्तुगत निर्यात में वृद्धि
- 27 जीएसटी दरों में परिवर्तन
- 28 कागज आयात निगरानी प्रणाली
- 29 खुदरा मुद्रास्फ़ीति में कमी