शहरी सहकारी बैंक
19 जुलाई, 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने जमा राशि के आकार के आधार पर शहरी सहकारी बैंकों (UCB) के लिए 4-स्तरीय सरल नियामकीय ढांचा अपनाने का निर्णय लिया है। जिसका उद्देश्य उनकी वित्तीय सुदृढ़ता को मजबूत करना है।
महत्वपूर्ण तथ्यः रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एन.एस.विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति ने शहरी सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए कई सिफारिशें दी थीं।
- समिति ने अन्य सुझावों के साथ बैंकों की जमा राशि के आकार और उनके संचालन के क्षेत्र के आधार पर एक 4-स्तरीय नियामक ढांचे का सुझाव दिया था।
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (यथा संशोधित) (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 12 के प्रावधानों के अंतर्गत पूंजीगत वृद्धि के लिए सिफारिश से संबंधित मुद्दों की जांच करने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया गया है, जिसमें आरबीआई, सेबी और सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक
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आर्थिक परिदृश्य
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 पे ऐज यू ड्राइव
- 3 पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड
- 4 4 सहकारी बैंकों पर प्रतिबंध
- 5 एसबीआई की व्हाट्सएप बैंकिंग सेवा
- 6 मेटावर्स वर्चुअल लाउंज-यूनी-वर्स
- 7 फ़ेडरल बैंक पर जुर्माना
- 8 पीएनबी रक्षक प्लस
- 9 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
- 10 वन लाइनर समसामयिकी
- 11 2022-23 के लिए भारत के विकास का अनुमान 7.4%
- 12 रक्षा निर्यात में वृद्धि
- 13 तीन बैंकों को विदेशी खरीद की अनुमति
- 14 डिजीवाणी कॉल सेंटर
- 15 राष्ट्रीय कृषि बाजार
- 16 स्वनिधि महोत्सव
- 17 स्टार्टअप स्कूल इंडिया
- 18 अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क
- 19 स्मार्ट परिसर
- 20 ग्रैंड हैकथॉन
- 21 भारत के विदेशी ऋण में वृद्धि
- 22 व्यवसाय सुधार कार्य योजना 2020
- 23 क्रिसिल का जीडीपी विकास अनुमान
- 24 वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट
- 25 8 प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक
- 26 भारत के वस्तुगत निर्यात में वृद्धि
- 27 जीएसटी दरों में परिवर्तन
- 28 कागज आयात निगरानी प्रणाली
- 29 खुदरा मुद्रास्फ़ीति में कमी