दुर्लभ तितली पामकिंग
अप्रैल 2022 में तमिलनाडु में पहली बार दुर्लभ तितली ‘पामकिंग' (Rare butterfly Palmking) देखी गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: पामकिंग को पहली बार दक्षिण भारत में 1891 में ब्रिटिश वैज्ञानिक एच.एस.फर्ग्यूसन द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।
- एक सदी से भी अधिक समय के बाद, इसे 2007 में थेनमाला में सी. सुशांत द्वारा फिर से खोजा गया और एक साल बाद तितली शोधकर्ता जॉर्ज मैथ्यूज और उन्नीकृष्णन पी. ने पामकिंग के जीवन-चरणों का अध्ययन किया और पहली बार इसे फोटोग्राफिक रूप से प्रलेखित किया।
- पामकिंग को वैज्ञानिक रूप से 'अमाथुसिया फिडिपस' (Amathusia phidippus) के नाम से जाना जाता है।
- भूरे और गहरे रंग की पट्टियाँ इस तितली की विशेषता है तथा इसे एकांतप्रिय के रूप में वर्णित किया गया है, जो ज्यादातर छाया में आराम करती है।
- पामकिंग को पहचानना आसान नहीं है क्योंकि लकड़ी की तरह इसका भूरा रंग आसानी से छलावरण (camouflage) करता है और यह शायद ही कभी अपने पंख फैलाता है।
- पामकिंग 'निम्फैलिडे' (Nymphalidae) उप-परिवार से संबंधित है और यह ताड़, नारियल और कैलमस (calamus) किस्मों के पौधों से भोजन प्राप्त करती है।
GK/GS तथ्यावलोकन
|
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 वन लाइनर सामयिकी
- 2 परामर्श विकास केंद्र
- 3 भारत का सौर क्षमता लक्ष्य
- 4 कड़ी के रूप में अभिवृद्धि करने वाले नवोदित तारे
- 5 पिनाका एमके-I (उन्नत) रॉकेट सिस्टम
- 6 मृदा स्थिरीकरण के लिए तकनीक
- 7 हेलिना मिसाइल
- 8 कोविड के खिलाफ भारत निर्मित 'वार्म' वैक्सीन
- 9 जोनाथन: स्थल पर दुनिया का सबसे उम्रदराज जानवर
- 10 काजीरंगा पशु गलियारा
- 11 एवीजीसी संवर्धन टास्क फोर्स
- 12 क्वांटम कंप्यूटिंग पर इंडो-फिनिश वर्चुअल नेटवर्क सेंटर
- 13 'सेमीकॉन इंडिया' कार्यक्रम के लिए सलाहकार समिति
- 14 लक्षद्वीप में खोजी गई झींगा की नई प्रजाति
- 15 आक्रामक प्रजातियों से पश्चिमी घाट के वन्यजीव पर्यावास को खतरा
- 16 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल
- 17 पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया
- 18 गेहूं की किस्म ‘पीबीडब्ल्यू-1 चपाती’
- 19 ब्लू स्ट्रैगलर्स
- 20 डिजिटल इंडिया आरआईएससी-5 कार्यक्रम
- 21 स्ट्रोन्शियम: एक साइबर-जासूसी समूह
- 22 भारत का तटीय क्षरण
- 23 इंस्पेक्टआईआर कोविड-19 ब्रीथलाइजर
- 24 आईपीसीसी छठी आकलन रिपोर्ट - भाग 3
- 25 भारतीय अंटार्कटिका विधेयक 2022
- 26 भारत का पहला शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र
- 27 ट्री सिटीज ऑफ द वर्ल्ड 2021