पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए मानदंडों को आसान बनाते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अप्रैल 2022 में मौजूदा या नई परियोजनाओं के लिए दी गई पर्यावरण मंजूरी की अवधि को बढ़ा दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: नदी घाटी परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी 13 साल और परमाणु परियोजनाओं के लिए 15 साल तक वैध होगी।
- खनन और नदी घाटी परियोजनाओं के अलावा अन्य परियोजनाओं और गतिविधियों की पर्यावरण मंजूरी 10 साल के लिए वैध होगी।
- मंत्रालय का मानना है कि परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं और जलविद्युत परियोजनाओं में "भूवैज्ञानिक आश्चर्य (geological surprises), पर्यावरण मंजूरी में देरी, भूमि अधिग्रहण, स्थानीय मुद्दों, पुनर्वास और पुनर्बसावट और ऐसे अन्य कारकों के कारण ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने में काफी समय लग जाता है, जो अक्सर परियोजना समर्थकों की नियंत्रण से परे होती हैं। ।
- इस संदर्भ में, केंद्र सरकार का मानना है कि ऐसी परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी की वैधता बढ़ाना आवश्यक है।
- पर्यावरण मंजूरी एक लंबी प्रक्रिया है, जो एक निश्चित आकार से बड़ी परियोजनाओं के लिए अनिवार्य है और इसमें अक्सर एक संभावित परियोजना का पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन और कभी-कभी सार्वजनिक सुनवाई शामिल होती है।
- पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया में परियोजना से प्रभावित होने वाली स्थानीय आबादी शामिल होती है।
- पर्यावरण मंजूरी की शर्तों में से एक यह भी है कि एक परियोजना को उस अवधि में निर्माण शुरू करना चाहिए, जब उसे पर्यावरण मंजूरी दी गई हो और यदि वह ऐसा करने में असमर्थ हो, तो एक नई प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। इससे परियोजनाएं आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो जाती हैं।
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