​महिला नेतृत्व को सशक्त करती पंचायती राज व्यवस्था

  • 1993 में संविधान के 73वें संविधान संशोधन से त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन की इकाई के रूप में संवैधानिक अधिकार प्राप्त हुआ है।
  • लगभग 6.5 लाख गांवों में रहने वाली देश की तकरीबन 65% आबादी के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के एजेंडे को ज़मीन पर उतारने में 2.6 लाख पंचायतों की सबसे अहम जिम्मेदारी है।
  • देश भर में पंचायती राज संस्थाओं में लगभग 31.5 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिसमें लगभग 46% अर्थात आधी महिलाएं हैं।
  • 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुच्छेद 243D के तहत पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित ....
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