आत्म-सम्मान आंदोलन के 100 वर्ष

वर्ष 2025 में आत्म-सम्मान आंदोलन की शताब्दी मनायी जा रही है।

  • समाज सुधारक पेरियार ई.वी. रामासामी ने तमिल साप्ताहिक कुडी अरासु (गणतंत्र) के शुभारंभ के माध्यम से आत्म-सम्मान आंदोलन की औपचारिक शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया था।
  • यह एक सामाजिक-मानवाधिकार आंदोलन था, यह एक समतावादी आंदोलन था, जो तर्कसंगत विचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत गरिमा को बढ़ावा देता था, साथ ही देवदासी प्रथा, छुआछूत और अन्य सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष करता था।

मुख्य उद्देश्य

  • जाति व्यवस्था का उन्मूलनः समाज से जातिगत भेदभाव और छुआछूत को समाप्त करना।
  • ब्राह्मणवादी प्रभुत्व का विरोधः ब्राह्मणों के धार्मिक एवं सामाजिक वर्चस्व को चुनौती देना तथा गैर-ब्राह्मण समुदायों में ....
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