UPPCS (Main-Special) Questions for Philosophy (First Paper)2008


[Time : Three hours] [Maximum Marks : 200]

नोट :-

  1. प्रत्येक खण्ड में से दो प्रश्न करने अनिवार्य हैं। केवल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
  2. समस्त प्रश्नों के अंक समान हैं।

खण्ड-क(Section-A)

  1. अरस्तु के कार्यकारण सिद्धांत की तार्किक समीक्षा कीजिए।
    Critically discuss the Theory of Causation according to Aristotle.
  2. लाइबनित्ज के चिदणुवाद की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
    Critically explain Leibnitz's Theory of Monads.
  3. हेगल के निरपेक्ष प्रत्ययवाद को स्पष्ट कीजिए।
    Clarify the concept of Absolute Idealism according to Hegel.
  4. ‘‘तार्किक भाववाद द्वारा दर्शन में योगदान’’ को स्पष्ट कीजिये।
    Clarify the contribution of Logical Positivism in Philosophy.
  5. खण्ड-ख (Section-B)

  6. जैन-दर्शन के सप्तभंगीनय की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
    Critically discuss the Saptabhanginaya of Jain Philosophy.
  7. सांख्य-दर्शन का कार्यकारण वाद क्या है? इसकी समीक्षात्मक व्याख्या कीजिये।
    What is the Theory of Causation of Sankhya Systerm? Critically explain it.
  8. न्याय दर्शन के अनुसार प्रमाणों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिये।
    Discuss briefly Pramanas, according to Nyaya Philosophy.
  9. शंकराचार्य ने ब्रह्म को जगत् का सृष्टि-स्थिति-संहारकर्त्ता किस प्रकार सिद्ध किया है? समझाइये।
    How does Sankaracharya prove Brahman as the creator, sustainer and destroyer of the world? Explain.