‘पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज’ का दूसरा संस्करण

पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के साथ साझेदारी में ‘पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज’ का दूसरा संस्करण लॉन्च किया है।

  • इसका उद्देश्य पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के सामने आने वाली छः समस्याओं के समाधान के लिए अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधान खोजना है।
  • समस्याओं के 6 वर्ग से प्रत्येक में एक विजेता को 10 लाख रुपये और एक उपविजेता को 7 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।

छः समस्या विवरणः वीर्य खुराक के भंडारण और आपूर्ति के लिए लागत प्रभावी, दीर्घकालिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल विकल्प

  • पशुओं की पहचान और उनका पता लगाने की लागत प्रभावी तकनीक का विकास
  • हीट डिटेक्शन किट का विकास
  • डेयरी पशुओं के लिए गर्भावस्था नैदानिक किट का विकास
  • ग्राम संग्रहण केन्द्र से डेयरी संयंत्र तक मौजूद दुग्ध आपूर्ति शृंखला में सुधार
  • तथा कम लागत वाली शीतलन और दूध संरक्षण प्रणाली का विकास।

इस माह के चर्चित संस्थान एवं संगठन

वी-वी- गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान

वी-वी- गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (V.V.k Giri National Labour Institute: VVGNLI) की सामान्य परिषद की 50वीं बैठक का आयोजन 10 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम और रोजगार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में किया गया।

  • वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (VVGNLI), श्रम और रोजगार मंत्रलय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है, जिसे 1974 में स्थापित किया गया। यह श्रम अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है। पहले इसे 1995 तक ‘राष्ट्रीय श्रम संस्थान’ के नाम से जाना जाता था, बाद में इसका नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति वी. वी. गिरि के नाम पर कर दिया गया, जो देश के प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता और श्रमिक अध्ययन के अगुआ थे। वी. वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान नोएडा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। अपनी स्थापना के बाद से, संस्थान ने संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में श्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित सभी लोगों तक पहुंचने के लिए अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रकाशनों के माध्यम से प्रयास किया है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री सामान्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। सामान्य परिषद के अन्य सदस्यों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, नियोक्ताओं और श्रमिकों के संगठन और संसद के सदस्य शामिल हैं।

आर्थिक परिदृश्य