चीनी सब्सिडी पर भारत के खिलाफ़ विश्व व्यापार संगठन पैनल की रिपोर्ट

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) द्वारा स्थापित एक पैनल ने 14 दिसंबर, 2021 को भारत की चीनी सब्सिडी के खिलाफ फैसला सुनाया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः इसने रिपोर्ट को अपनाने के 120 दिनों के भीतर उत्पादन सहायता, बफर स्टॉक और विपणन और परिवहन योजनाओं के तहत अपनी निषिद्ध सब्सिडी को वापस लेने के लिए कहा है।

  • इस रिपोर्ट को विश्व व्यापार संगठन की पूर्ण सदस्यता द्वारा अभी तक अपनाया (या अस्वीकार किया) जाना है।
  • हालांकि विश्व व्यापार संगठन पैनल के निष्कर्ष को भारत ने पूरी तरह से अस्वीकार किया है।

भारत के खिलाफ क्या थी शिकायत? वर्ष 2019 में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और ग्वाटेमाला ने डब्ल्यूटीओ में चीनी क्षेत्र में भारत के कुछ नीतिगत उपायों को चुनौती दी थी। उन्होंने दावा किया था कि गन्ना उत्पादकों को भारत द्वारा प्रदान की जाने वाली घरेलू सहायता डब्ल्यूटीओ द्वारा अनुमत सीमा से अधिक है और भारत चीनी मिलों को निषिद्ध निर्यात सब्सिडी प्रदान करता है।

  • 2014-15 से 2018-19 के बीच लगातार पांच चीनी मौसमों के लिए, भारत ने गन्ना उत्पादकों को गन्ना उत्पादन के कुल मूल्य के अनुमत 10 प्रतिशत के स्तर से अधिक गैर-छूट उत्पाद-विशिष्ट घरेलू समर्थन (non-exempt product-specific domestic support) प्रदान किया था।

जीके फ़ैक्ट

  • रिपोर्ट के अनुसार भारत कृषि समझौते के अनुच्छेद 7-2 (बी) के तहत अपने दायित्वों के साथ असंगत रूप से कार्य कर रहा है।

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