UPPCS Mains Questions for Public Administration (Second Paper)1993


{निर्धारित समय : तीन घण्टे} {पूर्णांक : 250}

निर्देषः-

1. अभ्यर्थियों को प्रश्न संख्या 1 एवं 6 अनिवार्य रूप से करने हैं और बाकी प्रश्नों में से तीन से अधिक नहीं करने हैं। प्रत्येक प्रश्न के अंक समान हैं।


खण्ड-अ(Section-A)

  1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिये जिनमें से प्रत्येक 300 शब्दों से अधिक न हो :
    (अ) ‘‘यह निश्चयपूर्वक कहना असम्भव नहीं है कि अर्थशास्त्र में वर्णित प्रशासनिक व्यवस्था मौर्य काल के दौरान वास्तव में अस्तित्व में थी।’’
    (ब) ‘‘विशेषज्ञों तथा सामान्य सेवाओं के बीच विवाद एक निरर्थक अभ्यास है।’’
    (स) ‘‘एक संघात्मक व्यवस्था में योजना को अराजनीतिक बनाने की आवश्यकता है।’’
    Comment upon any two of the following in not more than 300 words each :
    (a) “It is not possible to maintain that the administrative system describe in Arthshatra was in a rural existence during Maurayan period”.
    (b) “Planning in federal system is need to be depoliticised.”
  2. 1958 से 1919 तक भारत में लोक प्रशासन की व्यवस्था के विकास का वर्णन कीजिये तथा प्रशासनिक इतिहास के इस काल की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख कीजिये।
    Trace the evolution system of public administration in India from 1958 to 1919, highlighting the majorland marks of this period of administrative history.
  3. ‘‘प्रधानमंत्री सचिवालय, जो केन्द्रीय सचिवालय संगठनों में सबसे छोटा है, मंत्रिमंडल सचिवालय से भी बड़ा हो गया है।’’ विवेचना कीजिये।
    “The Prime Minister's Secretariate the youngest of the Central Secretariate Organisation has grown taller than Cabinet Secretariate “Discuss.
  4. संघीय वित्त मंत्रालय के संगठन और कार्यप्रणाली का संक्षिप्त रेखांकन कीजिये और ऐसे निश्चित सुझाव दीजिये जिसमें केन्द्र सरकार की उदारीकरण की आर्थिक नीति के प्रकाश में संगठनात्मक सुधार किये जा सकें।
    Outline in brief the organisation and working of the Union Ministry of finance and offer concrete suggestion for organisational reforms in the light of the economic policy of liberalization of the Central Government.
  5. प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण की प्रकृति, साधन तथा सीमाओं की विवेचना कीजिये।
    Discuss the nature tools and limitation of judicial control over administration.
  6. खण्ड-ब (Section-B)

  7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिये जिनमें से प्रत्येक 300 शब्दों से अधिक न हो :
    (अ) भारत में लोक संस्थानों का कम्पनी स्वरूप भारतीय संविधान के साथ एक धोखा है।
    (ब) भारत में कानून और व्यवस्था प्रशासन को अधिक मानवीय बनाने की आवश्यकता है।
    (स) लोकपाल की संस्था मृतजात रही है, जबकि राज्यों में लोकायुक्त प्रभावी कार्य नहीं कर सके हैं। किन्तु इन संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण ही सत्यनिष्ठा के साथ लोकतन्त्र के विकास का अचूक मार्ग है।
    Comment upon any two of the following in not more than 300 words :
    (a) The company form of public undertakings in India is a fraud on Indian constitution.
    (b) The law and order administration on India need be made more human.
    (c) The institution of Lokpal is still born while that of Lokyuktas in states is in effective, but strengthening of these institution is a sure way of the development of democracy with integrity.
  8. अखिल भारतीय सेवाओं के भर्ती के तरीके की व्याख्या कीजिये। इस दिशा में आप क्या सुधार सुझा सकते हैं?
    Examine the method of recruitment of All India services. What reforms can you suggest in this direction?
  9. अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए केन्द्र और राज्य-सरकारों तथा जिला स्तर के अभिकरणों द्वारा प्रवर्तित विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों का मूल्यांकन कीजिये तथा उनकी सफलताओं अथवा असफलताओं का वर्णन कीजिये।
    Attempt an evaluation of various welfare programmes, sponsored by the Central and State government and district level agencies for the development of Scheduled Castes and Schedulde Tribes, according for their success or failure.
  10. भारत में विकास प्रशासन में जन-सहभागिता लाने के लिए विभिन्न उपायों का परीक्षण कीजिये।
    Examine the various methods to ensure people participation in development administrations in India.
  11. उत्तर प्रदेश की नगरपालिकाओं की आय के साधनों को गिनाइये। यह भी दर्शाइये कि इन साधनों से होने वाली आय इन निकायों की प्रदत्त दायित्वों के निष्पादन हेतु कहां तक पर्याप्त है।
    Enumerate the sources of income of municipalities in Uttar Pradesh. Also show for the income derived from these sources sufficient for the fulfilment of the responsibilities entrusted to these bodies.