सुरजापुरी और बज्जिका बोलियां

हाल ही में बिहार सरकार ने राज्य के शिक्षा विभाग को हिंदी और उर्दू अकादमियों की तर्ज पर सुरजापुरी और बज्जिका बोलियों के प्रचार के लिए अकादमियों की स्थापना करने की घोषणा की है।

उद्देश्यः स्वदेशी भाषा और संस्कृति की रक्षा करना।

महत्वपूर्ण तथ्यः सुरजापुरी मुख्य रूप से किशनगंज और पूर्वोत्तर बिहार के सीमांचल के अन्य हिस्सों में बोली जाती है; जिसमें कटिहार, पूर्णिया और अररिया जिले शामिल हैं।

  • बिहार में बोली जाने वाली पांच बोलियों में से बज्जिका, हिंदी और मैथिली का मिश्रण है और मुख्य रूप से वैशाली, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी, शिवहर और समस्तीपुर के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार में सुरजापुरी भाषी आबादी की कुल संख्या 18,57,930 थी। 2001 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर एक अनुमान बताता है कि उस समय बिहार में 20 मिलियन बज्जिका भाषी रहते थे।
  • शिक्षा विभाग द्वारा बिहार में बोली जाने वाली सभी भाषाओं और बोलियों की प्रगति की निगरानी के लिए एक छाता निकाय भी स्थापित किया जायेगा।

राष्ट्रीय परिदृश्य