सुरक्षित और कानूनी गर्भपात का अधिकार

हाल ही मेंउच्चतम न्यायालय ने गर्भ का ‘मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स, 2003’ के तहत विवाहित या अविवाहित सभी महिलाओं को गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक सुरक्षित व कानूनी रूप से गर्भपात कराने का अधिकार दे दिया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः उच्चतम न्यायालय के अनुसार वैवाहिक होने या न होने के आधार पर कोई भी पक्षपात संवैधानिक रूप से सही नहीं है।

  • न्यायालय प्रजनन स्वायत्तता के नियम विवाहित या अविवाहित दोनों तरह की महिलाओं को समान अधिकार देता है।
  • कोर्ट ने एम्स निदेशक को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए कहा, जो यह देखेगा कि गर्भपात से महिला के जीवन को कोई खतरा तो नहीं होगा।

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