भारतीय ध्वज संहिता 2002

गृह मंत्रालय ने 18 जनवरी, 2022 को राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासन से ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971’ के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु एडवाइजरी जारी की।

महत्वपूर्ण तथ्यः प्रायः राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करने के कानूनों और प्रक्रियाओं के बारे में लोगों और संगठनों में जागरूकता की कमी देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी जारी की गई।

  • राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसर पर जनता द्वारा केवल कागज के ध्वज का उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
  • इसने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि कार्यक्रम/आयोजन के बाद कागज के ध्वज न फाड़े जाएं और न ही जमीन पर फेंके जाएं और ध्वज की गरिमा के अनुसार निपटान किया जाना चाहिए।

भारतीय ध्वज संहिता 2002ः 2002 का ध्वज संहिता तीन भागों में विभाजित है- तिरंगे का एक सामान्य विवरण_ सार्वजनिक और निजी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ध्वज के प्रदर्शन पर नियम_ और सरकार तथा सरकारी निकायों द्वारा ध्वज के प्रदर्शन के नियम।

  • ‘प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950’ और ‘राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 में निर्धारित सीमा के अलावा सार्वजनिक और निजी निकायों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ध्वज के प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। तिरंगे का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है।

राष्ट्रीय परिदृश्य