सिंधुताई सपकाल

‘अनाथंची माई’ या ‘अनाथों की माँ’ (Mother of orphans) के नाम से प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का 4 जनवरी, 2021 को पुणे के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 73 वर्ष की थीं।

  • अत्यधिक गरीबी में पली-बढ़ी सिंधुताई पुणे के हडपसर इलाके में एक अनाथालय ‘सनमती बाल निकेतन संस्था’ चलाया करती थी।
  • उन्होंने इस अनाथालय में 1,000 से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनकी देखभाल की।
  • सपकाल को उनके काम के लिए 700 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें 2021 में ‘पप्र श्री’ भी शामिल है। उन्हें 2010 में महाराष्ट्र सरकार की ओर से ‘अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया।
  • 2010 में, सपकाल की एक मराठी बायोपिक ‘मी सिंधुताई सपकाल’ को महाराष्ट्र में रिलीज किया गया था।

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