आलेख

वेस्ट टू वेल्थ : औद्योगिक विकास एवं ऊर्जा सुरक्षा में अपशिष्ट प्रबंधान की भूमिका - नवीन चंदन
वेस्ट टू वेल्थ (Waste to Wealth), महज एक संकल्पना नहीं बल्कि वर्तमान समय में भारत की एक आवश्यकता है। देश में उत्पन्न 75% अपशिष्ट पुनर्चक्रण योग्य होता है, परन्तु यहां कुल उत्पादित कचरे का मात्र 30% भाग ही पुनर्चक्रित किया जाता है। अतः अपशिष्ट के पुनर्चक्रण हेतु उद्योगों को प्रोत्साहित करने, जागरूकता में वृद्धि करने तथा नवीन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।वेस्ट टू वेल्थ का तात्पर्य अपशिष्ट के

कॉप-15 जैव-विविधता सम्मेलन : प्रतिबद्धताएं, मुद्दे एवं भावी कार्यनीति - संपादकीय डेस्क
स्वस्थ जैव-विविधता पारिस्थितिक तंत्र, पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने हेतु महत्वपूर्ण है। इसके प्रकृति प्रदत्त मूल्य के बावजूद विश्व भर में इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए विश्व भर के देशों ने 7 से 19 दिसंबर, 2022 के मध्य कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (COP 15) में हिस्सा लिया, ताकि वर्ष 2030 तक जैव विविधता पर

वैश्विक खाद्य-प्रणालियों में रूपांतरण : खाद्य सुरक्षा, टिकाऊ उपभोग प्रतिरूप तथा पर्यावरणीय लाभ हेतु आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
कृषि तथा खाद्य-प्रणालियों में सुधार हेतु अब तक किए गए सभी प्रयासों का उद्देश्य उत्पादन तथा उपभोग के मध्य व्याप्त अंतर को पूरा करने, खाद्य प्रणाली के प्रदर्शन को मजबूत करने तथा संस्थागत उपायों की खोज करने पर रहा है। समय के साथ, विशेषकर 21वीं सदी में वैश्विक चुनौतियों तथा खाद्य-आवश्यकताओं में व्यापक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि नीतिगत महत्वाकांक्षाओं को वास्तविक

कार्बन अवशोषण, उपयोग एवं भंडारण : विकार्बनीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति में भूमिका एवं आवश्यकता - संपादकीय डेस्क
नीति आयोग, भारत के एक ‘निम्न कार्बन उत्सर्जन अर्थव्यवस्था’ बनने की राह में देश का नेतृत्व कर रहा है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार कार्बन अवशोषण, उपयोग एवं भंडारण (CCUS) में वृद्धि करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक पर्यावरण मित्रवत बन सकती है। भारत सरकार द्वारा अपने अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Updated NDCs) में 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की
इन फोकस
भारत में बागवानी क्षेत्रः वर्तमान स्थिति, विकास की संभावनाएं तथा प्रयास
30 नवंबर, 2022 को ‘बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ (Horticulture Cluster Development Programme) के समुचित क्रियान्वयन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। ‘बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ का शुभारंभ 31 मई, 2021 को किया गया था। इसके उद्देश्यों में लक्षित फसलों
ब्लैक कार्बन के दूरगामी प्रभाव : स्वच्छ एवं स्थायी भविष्य के लिए उत्सर्जन को लक्षित करना आवश्यक
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हाल ही में ‘ब्लैक कार्बन’ (Black Carbon) से निपटने के लिये सरकार द्वारा किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उपायों पर जानकारी प्रदान की गई। ध्यातव्य है कि आर्थिक प्रगति की संभावनाओं के आधार पर वैज्ञानिकों ने आने वाले दशकों में ब्लैक कार्बन के
अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा संघर्ष : दूरगामी शांति स्थापना हेतु परस्पर विश्वास एवं सहभागिता आवश्यक
दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के ऊपरी भाग में स्थित यांग्त्से क्षेत्र (Yangtse Region) में भारत तथा चीन के मध्य सैनिक झड़प देखने को मिली। यह जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में दोनों देशों के मध्य आपसी संघर्ष के पश्चात दूसरी सबसे बड़ी
संवेदनशील स्वास्थ्य अवसंरचना : साइबर हमलों से बचाव हेतु व्यापक सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता
23 नवंबर, 2022 को एम्स (AIIMS) द्वारा यह सूचित किया गया कि उसे व्यापक साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण लंबे समय के लिए उसकी अनेक सेवाएं बाधित रहीं। इस हमले की व्यापकता का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमले के पश्चात राष्ट्रीय