चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021

21 दिसंबर, 2021 को संसद द्वारा मतदाता सूची को आधार डेटाबेस से जोड़ने वाला ‘चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021’ पारित किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्यः विधेयक कुछ चुनावी सुधारों को लागू करने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में संशोधन करता है।

विधेयक के प्रावधानः यह विभिन्न स्थानों पर एक ही व्यत्तिफ़ के एक से अधिक नामांकन की जांच के लिए मतदाता सूची को आधार संख्या से जोड़ने का प्रावधान करता है।

  • विधेयक में मतदाता को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर एक कैलेंडर वर्ष में नामांकन के लिए चार अवसर देने का भी प्रयास किया गया है, जो 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को होगा।
  • मतगणना, मतदान मशीनों और मतदान संबंधी सामग्री का भंडारण और सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों के आवास हेतु भी परिसर का उपयोग किया जा सकता है।
  • कानून को लैंगिक रूप से तटस्थ बनाने के लिए सेवा मतदाता यानी सर्विस वोटर्स के लिए ‘पत्नी’ के स्थान पर ‘जीवन-साथी’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा। यह महिला सशस्त्र सेवा कर्मचारियों के पुरुष जीवन-साथी के िखलाफ किसी भी भेदभाव को दूर करने का प्रयास करता है।
  • अन्य तथ्यः सर्विस वोटर्स वे हैं, जो सशस्त्र बलों में सेवारत या भारत के बाहर किसी सरकारी पद पर कार्यरत या राज्य सशस्त्र पुलिस बल कर्मी जो उस राज्य के बाहर सेवारत हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • 1950 का अधिनियम चुनावों के लिए सीटों के आवंटन और निर्वाचन क्षेत्रें के परिसीमन, मतदाताओं की योग्यता और मतदाता सूची तैयार करने का प्रावधान करता है। 1951 का अधिनियम चुनावों के संचालन और चुनावों से संबंधित अपराधों और विवादों का प्रावधान करता है।

राष्ट्रीय परिदृश्य