‘राष्ट्र-विरोधी’ शब्द कानूनों में परिभाषित नहीं

गृह मंत्रालय ने 21 दिसंबर, 2021 को लोक सभा को सूचित किया कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ शब्द को कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्यः इसमें कहा गया है कि 1976 में आपातकाल के दौरान संविधान में ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधि’ को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया था।

  • संविधान के 42वें संशोधन 1976 के तहत इस शब्द का उल्लेख किया गया था और आपातकाल के दौरान अनुच्छेद-31डी के तहत ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि’ को परिभाषित किया गया। लेकिन इसके बाद संविधान के 43वें संशोधन 1977 के तहत इस अनुच्छेद-31डी को हटा दिया गया।
  • हालांकि, देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी और विध्वंसक गतिविधियों से निपटने के लिए आपराधिक कानून व न्यायिक व्यवस्था हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • 2019 में, जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष 2017 के लिए भारत में वार्षिक अपराध रिपोर्ट जारी की, तो इसमें पहली बार ‘राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा किए गए अपराध’ पर एक नया अध्याय शामिल किया गया था। इस अध्याय में ‘पूर्वोत्तर विद्रोहियों, वामपंथी चरमपंथियों और आतंकवादियों (जिहादी आतंकवादियों सहित)’ को तीन राष्ट्र विरोधी तत्वों के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

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